Jammu and Kashmir : आतंकी नेटवर्क की तलाश में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 26 संदिग्ध घरों की ली तलाशी
Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने किश्तवाड़ जिले में आतंकी तंत्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए शनिवार को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मोहम्मद अमीन भट उर्फ ‘‘जहांगीर सरूरी'' के घर समेत 26 घरों की तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि भट के अलावा जिन घरों की तलाशी ली गई उनमें अधिकतर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से सक्रिय आतंकवादियों एवं सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी करने वाले आतंकवादियों के घर शामिल हैं। इससे एक दिन पहले इसी तरह की छापेमारी किश्तवाड़ के पड़ोसी जिले डोडा में 15 स्थानों पर की गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न पुलिस टीम ने किश्तवाड़ जिले में 26 स्थानों पर तलाशी ली। जिन स्थानों पर छापेमारी की गई उनमें भट का घर भी शामिल है। वह 1990 के दशक में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था और उसे सबसे लंबे समय तक बतौर आतंकी सक्रिय रहने वाला माना जाता है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप सिंह गोरिया की देखरेख में कई स्थानों पर समन्वित औचक छापे मारे गए।
उन्होंने कहा, ‘‘किश्तवाड़, चतरू, दच्छन और अथोली में आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के ठिकानों और आवासीय परिसरों पर छापेमारी के लिए एक साथ कई पुलिस टीम को तैनात किया गया था।'' प्रवक्ता ने कहा, ‘‘छापेमारी का उद्देश्य सीमा पार आतंकवादियों के स्थानीय समर्थन नेटवर्क को ध्वस्त करना, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से संबंधित कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी एकत्र करना तथा ऐसे तत्वों को समर्थन या आश्रय देने में लगे व्यक्तियों या समूहों को सख्त संदेश देना था।''
उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान पुलिस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, दस्तावेजों और आतंकवाद के वित्तपोषण, कट्टरपंथ और सीमा पार संचार से जुड़े अन्य भौतिक साक्ष्यों को जुटाने के लिए लक्षित परिसरों की तलाशी ली। किश्तवाड़ के एसएसपी ने आतंकवाद के खिलाफ पुलिस के शून्य-सहिष्णुता के रुख को दोहराते हुए कहा, ‘‘पुलिस जिले की शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।''
उन्होंने कहा, ''आतंकवादियों की सहायता करने या उन्हें शरण देने में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।'' उन्होंने कहा कि यह अभियान सतत आतंकवाद-रोधी रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) नेटवर्क को ध्वस्त करना और राष्ट्र-विरोधी तत्वों के लिए सामरिक सहायता मार्गों को नष्ट करना है।