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जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य संबंधी बिल आज हो सकता है पेश

सरकार बुधवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संविधान संशोधन विधेयक, 2025 पेश कर सकती है। गौर हो कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अक्तूबर 2024 में विधानसभा चुनाव होने के बाद से ही राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग...
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सरकार बुधवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संविधान संशोधन विधेयक, 2025 पेश कर सकती है।

गौर हो कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अक्तूबर 2024 में विधानसभा चुनाव होने के बाद से ही राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग उठा रहे हैं। पिछले दिनों राज्य के कुछ हिस्सों में सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस एवं अन्य विपक्षी दलों ने पूर्ण राज्य दर्जा बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था। दरअसल, अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए जन सहमति बनाने और जमीनी स्तर पर समर्थन जुटाने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान की घोषणा की थी। इसके बाद, जम्मू-कश्मीर के मंत्री जावेद अहमद राणा ने 17 अगस्त को पुंछ के मेंढर से एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था। यह घटनाक्रम 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा समाप्त होने के छह साल बाद हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए थे। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान, केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि वह जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करेगा। संयोग से, सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को केंद्र से उन याचिकाओं पर जवाब देने को कहा था, जिनमें केंद्र को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश देने की मांग की गई थी, साथ ही उसने यह भी कहा था कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले- जिसमें 26 लोग मारे गए थे, को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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