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Jallianwala Bagh 13 अप्रैल: जलियांवाला बाग की त्रासदी का दिन, जिसने आजादी की लड़ाई को नयी दिशा दी

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (एजेंसी)Jallianwala Bagh 13 अप्रैल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज है। 1919 में इसी दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश हुकूमत ने निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। हजारों...
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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (एजेंसी)
Jallianwala Bagh 13 अप्रैल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज है। 1919 में इसी दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश हुकूमत ने निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। हजारों लोग बैसाखी पर्व पर शांतिपूर्ण ढंग से सभा के लिए इकट्ठा हुए थे, लेकिन जनरल डायर के आदेश पर ब्रिटिश सैनिकों ने गोलियां बरसाकर सैकड़ों लोगों की जान ले ली। इस खौफनाक घटना से देशभर में आक्रोश फैल गया और यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक निर्णायक मोड़ बन गया।

जलियांवाला बाग, स्वर्ण मंदिर के निकट स्थित एक संकरी जगह है, जहां निकासी का सिर्फ एक रास्ता था। गोलीबारी के दौरान भगदड़ मच गई। बहुत-सी महिलाएं अपने बच्चों को लेकर कुएं में कूद गईं और कई लोग कुचले गए।

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इस दिन को इतिहास में कई अन्य घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है:

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