Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

जयशंकर बोले- अमूर्त विरासत कई मायनों में संस्कृति की सबसे लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति है

आईसीएच का 20वां सत्र आठ से 13 दिसंबर तक लाल किले में होगा आयोजित

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि परंपराएं, भाषाएं, संगीत, शिल्प कौशल और अमूर्त विरासत के अन्य रूप कई मायनों में ‘‘संस्कृति की सबसे लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति'' हैं, जो सभी की साझा संपत्ति होती हैं। कई लोग इसका संरक्षण करते हैं।

यहां लाल किला परिसर में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) के संरक्षण पर यूनेस्को की एक महत्वपूर्ण बैठक के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से कहा कि शांति व समृद्धि की ‘‘साझा खोज'' में विरासत को पोषित करना और उसे भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना आवश्यक है। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए अंतर-सरकारी समिति (आईसीएच) का 20वां सत्र आठ से 13 दिसंबर तक लाल किले में आयोजित होगा।

Advertisement

यह पहली बार है कि भारत यूनेस्को पैनल के किसी सत्र की मेजबानी कर रहा है। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के महानिदेशक खालिद अल-एनानी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी. शर्मा उपस्थित थे। मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित लाल किला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और एएसआई द्वारा संरक्षित एक स्मारक है।

Advertisement

Advertisement
×