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आज से ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर के दौरे पर जयशंकर

नयी दिल्ली, 2 नवंबर (एजेंसी) विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन से आठ नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर का दौरा करेंगे तथा इस दौरान वह दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे और आसियान के आठवें गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करेंगे।...

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नयी दिल्ली, 2 नवंबर (एजेंसी)

विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन से आठ नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर का दौरा करेंगे तथा इस दौरान वह दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे और आसियान के आठवें गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

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विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, जयशंकर कैनबरा में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ विदेश मंत्रियों के 15वें ‘फ्रेमवर्क डायलॉग' (एफएमएफडी) की सह-अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन में आयोजित होने वाले दूसरे ‘रायसीना डाउन अंडर' के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे। जयशंकर के ऑस्ट्रेलियाई सरकार के शीर्ष मंत्रियों, सांसदों, भारतीय प्रवासियों, व्यापार समुदाय, मीडिया और बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है। जयशंकर अपने दौरे पर ब्रिस्बेन की यात्रा करेंगे और ऑस्ट्रेलिया में भारत के चौथे वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। सिंगापुर के दौरे के दौरान वह ‘आसियान-भारत थिंक टैंक नेटवर्क' के आठवें गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करेंगे। जयशंकर ने इससे पहले मार्च में सिंगापुर का दौरा किया था।

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थाईलैंड के विदेश मंत्री से की वार्ता

विदेश मंत्री एस जयशंकर और थाईलैंड के उनके समकक्ष मैरिस सांगियाम्पोंगसा ने शनिवार को दिल्ली में एक बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों, बहुपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि ‘रॉयल कथिना' समारोह के लिए संगियाम्पोंगसा की यात्रा दोनों देशों के बीच 'दीर्घकालिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उदाहरण है।' ‘रॉयल कथिना' एक पारंपरिक बौद्ध समारोह है। सांगियाम्पोंगसा ‘बिम्सटेक' (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) विदेश मंत्रियों के कार्यक्रम के लिए भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर 11 जुलाई को नयी दिल्ली आए थे और 13 जुलाई तक यहां रहे थे। विदेश मंत्री ने नयी दिल्ली में इस कार्यक्रम की मेजबानी की थी। भारत की ‘एक्ट ईस्ट' नीति थाईलैंड की ‘एक्ट वेस्ट' नीति के साथ मेल खाती है। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय विदेश मंत्री और थाईलैंड के विदेश मंत्री के बीच बातचीत ने द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने में योगदान दिया है।

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