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ईवीएम में 25 हजार वोट पहले से दर्ज होना असंभव : निर्वाचन आयोग

निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदान शुरू होने से पहले ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में 25 हजार मत दर्ज होने के राजद के वरिष्ठ नेता और प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष जगदानंद सिंह के आरोपों को मंगलवार को पूरी...

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सांकेतिक चित्र।
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निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदान शुरू होने से पहले ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में 25 हजार मत दर्ज होने के राजद के वरिष्ठ नेता और प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष जगदानंद सिंह के आरोपों को मंगलवार को पूरी तरह खारिज कर दिया। आयोग ने कहा कि तकनीकी रूप से ऐसा होना बिल्कुल असंभव है। आयोग ने एक बयान में बताया कि यह दावा तकनीकी रूप से असंभव, प्रक्रियागत रूप से गलत और राजद के अपने चुनाव एवं पोलिंग एजेंटों द्वारा हस्ताक्षरित वैधानिक दस्तावेजों के विपरीत है। राजद ने सोमवार को दावा किया था कि चुनावी जनादेश जनता की इच्छा का प्रतिबिंब नहीं है और ईवीएम में अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने कहा था कि हर ईवीएम में 25 हजार वोट पहले से थे फिर भी हम 25 सीटें जीत गए। आयोग ने बताया कि ईवीएम में न वाईफाई, न ब्लूटूथ, न इंटरनेट और न किसी भी प्रकार की बाहरी कनेक्टिविटी होती है, जिससे किसी प्रकार की डिजिटल या रिमोट छेड़छाड़ असंभव है। मतदान से पहले प्रत्येक ईवीएम में सभी प्रत्याशियों के लिए शून्य मत प्रदर्शित होते हैं और राजनीतिक दलों के एजेंटों की मौजूदगी में अनिवार्य चुनाव अभ्यास कराया जाता है, उसके बाद सभी मत हटाकर प्रमाणपत्र पर संयुक्त हस्ताक्षर लिए जाते हैं। आयोग के अनुसार, ईवीएम का आवंटन दो स्तरों पर होता है, जिनमें पहला जिला स्तर पर और दूसरा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर ताकि किसी बूथ पर किस मशीन का उपयोग होगा, यह पहले से कोई नहीं जान सके। निर्वाचन आयोग ने बताया कि ईवीएम के ‘स्ट्रॉन्ग रूम' में रखे जाने तक सभी चरणों में राजनीतिक दलों के एजेंट मौजूद रहते हैं और ‘स्ट्रॉन्ग रूम' सीसीटीवी निगरानी में होता है और सभी दलों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से सील किया जाता है। बयान के मुताबिक, किसी भी चरण में राजद ने न तो किसी टूटी सील की शिकायत की, न कोई अनियमितता दर्ज कराई।

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