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ISRO: सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करेगा Proba-3, आज होगा प्रक्षेपित, कहां देख सकते हैं LIVE यहां पढ़ें

श्रीहरिकोटा, 4 दिसंबर (भाषा/ट्रिन्यू) Proba-3 vehicle launching: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के समर्पित वाणिज्यिक मिशन , यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के ‘प्रोबा-3' अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, जो ‘भारत की अंतरिक्ष यात्रा में...
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फोटो स्रोत इसरो के एक्स अकाउंट से
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श्रीहरिकोटा, 4 दिसंबर (भाषा/ट्रिन्यू)

Proba-3 vehicle launching: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के समर्पित वाणिज्यिक मिशन , यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के ‘प्रोबा-3' अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, जो ‘भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का एक गौरवशाली पत्थर' है। इसका प्रक्षेपण बुधवार को होना है। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी।

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इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ‘क्लाइंट' वाहनों का प्रक्षेपण करेगी। एनएसआईएल ने अपने नवीनतम प्रक्षेपण के लिए ईएसए से ‘ऑर्डर' हासिल किया है, जो एक ‘प्रौद्योगिकी प्रदर्शन' मिशन होगा। मिशन का महत्वपूर्ण उद्देश्य सटीकता से अपनी तरह के पहले ‘फॉर्मेशन फ्लाइंग' (एक साथ कई उपग्रह/यान का प्रक्षेपण) को अंजाम देना है और सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करना है।

इसरो ने बुधवार को कहा, ‘‘उड़ान भरने का दिन आ गया है। इसरो की विशेषज्ञता को प्रदर्शित करते हुए पीएसएलवी-सी59 ईएसए के प्रोबा-3 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए तैयार है। इसरो की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के साथ एनएसआईएल द्वारा संचालित यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग की ताकत को दर्शाता है।''

इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम प्रक्षेपण स्थल से होने वाले प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उल्टी गिनती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह मंगलवार अपराह्न तीन बजकर आठ मिनट पर शुरू हुई जो बुधवार शाम चार बजकर आठ मिनट तक होगी।

अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने हालिया मिशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का एक गौरवशाली पत्थर और वैश्विक साझेदारी का एक शानदार उदाहरण है।'' प्रोबा-3 (प्रोजेक्ट फॉर ऑन बोर्ड ऑटोनोमी) में दो उपग्रह शामिल हैं, जिसमें दो अंतरिक्ष यान एक साथ उड़ान भरेंगे तथा सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए एक मिलीमीटर तक सटीक संरचना बनाए रखेंगे।

प्रोबा-3 मिशन: सूर्य के अध्ययन में नया आयाम

प्रोबा-3 मिशन, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह मिशन सूर्य के कोरोना और उससे संबंधित अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं का अध्ययन करने में नई जानकारियां प्रदान करेगा।

मिशन का विवरण

  • कुल वजन: दोनों अंतरिक्ष यानों का संयुक्त वजन 550 किलोग्राम है।
  • कोरोनाग्राफ: 310 किलोग्राम
  • ऑकल्टर: 240 किलोग्राम
  • लॉन्चिंग वाहन: पीएसएलवी-सी59
  • कार्यकाल: दो वर्षों का मिशन
  • अनुमानित लागत: €200 मिलियन

प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग का परीक्षण

प्रोबा-3 की खासियत इसका प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग है। दोनों अंतरिक्ष यान 150 मीटर की निश्चित दूरी बनाए रखते हुए एक साथ उड़ान भरेंगे। ऑकल्टर सूर्य की सौर डिस्क को ब्लॉक करेगा, जिससे कोरोनाग्राफ सूर्य के कोरोना का अध्ययन कर सकेगा। यह तकनीक सूर्य ग्रहण जैसी स्थितियों का निर्माण कर वैज्ञानिकों को बेहतर अवलोकन का अवसर प्रदान करेगी।

लॉन्चिंग का अनुभव घर से करें

आप इस ऐतिहासिक लॉन्च को लाइव देख सकते हैं। लॉन्चिंग को देखने के लिए [इस लिंक पर क्लिक करें](https://www.youtube.com/watch?v=PJXXLLw0PBI)।

इसरो और ईएसए का सहयोग

यह मिशन इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल1 (सितंबर 2023) के बाद सूर्य के अध्ययन में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इसरो पहले भी प्रोबा-1 (2001) और प्रोबा-2 (2009) मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुका है।

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