पूर्वोत्तर में उल्फा ट्रेनिंग कैंप पुनर्जीवित करने की फिराक में आईएसआई
अनिमेष सिंह/टि्रन्यू
नयी दिल्ली, 26 फरवरी
पाकिस्तान की आईएसआई बांग्लादेश में अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों के पास उल्फा प्रशिक्षण शिविरों को फिर से स्थापित करने के प्रयास कर रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पूर्वोत्तर क्षेत्र को अस्थिर करने के अपने प्रयासों में पाक जासूसी एजेंसी ने उल्फा विद्रोही नेता परेश बरुआ से भी मुलाकात की है, जिनके बारे में पता चला है कि उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में बांग्लादेश की यात्रा की थी। पूर्वोत्तर क्षेत्र पर आसन्न खतरे के बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले महीने उम्मीद जताई थी कि निर्वासित आतंकवादी शांति चाहते हैं और अपने राज्य को अस्थिर नहीं करेंगे। पिछले महीने कोकराझाड़ में मीडिया से बातचीत के दौरान निर्वासित उल्फा नेता परेश बरुआ से आसन्न खतरे पर एक सवाल का जवाब देते हुए सरमा ने कहा था कि मेरा व्यक्तिगत विचार है कि वह शांति चाहते हैं। मैं उनसे बात करता रहता हूं और मुझे कोई जानकारी या विचार नहीं है कि वह असम को अस्थिर करना चाहते हैं। वह बातचीत की मेज पर नहीं आ सकते हैं, लेकिन मेरी राय है कि वह में शांति को अस्थिर नहीं करना चाहता, क्योंकि आख़िरकार वह भी असमिया हैं और कौन अपने राज्य में रक्त बहाना चाहेगा।’
खुफिया सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं के करीब कई उल्फा प्रशिक्षण शिविर फिर से खोले गए हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि बरुआ (जो कथित तौर पर पहले चीन और म्यांमार में थे) ने भी बांग्लादेश का दौरा किया था, जहां उन्होंने आईएसआई अधिकारियों से मुलाकात की थी। उसका नाम एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में भी शामिल है। दरअसल बांग्लादेश में हालिया घटनाक्रम को देखते हुए खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि बरुआ को रिहा भी किया जा सकता है। ये परेशान करने वाले घटनाक्रम 24 फरवरी को द ट्रिब्यून की रिपोर्ट से मेल खाते हैं कि कैसे सुरक्षा बलों ने बांग्लादेश सीमा पार से अरबी, उर्दू और बंगाली में वायरलेस रेडियो के माध्यम से किए जा रहे मैसेज पकड़े थे।