IPS Y Puran Kumar suicide case हरियाणा सरकार की बड़ी कार्रवाई, शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजा, ओम प्रकाश सिंह बने कार्यवाहक डीजीपी
IPS Y Puran Kumar suicide case आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या मामले ने हरियाणा सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। बढ़ते राजनीतिक दबाव और मृत अधिकारी के परिवार की मांगों के बीच राज्य सरकार...
IPS Y Puran Kumar suicide case आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या मामले ने हरियाणा सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। बढ़ते राजनीतिक दबाव और मृत अधिकारी के परिवार की मांगों के बीच राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘हां, सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेज दिया है।’
सरकार ने तत्काल प्रभाव से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी ओम प्रकाश सिंह (1992 बैच) को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। ओम प्रकाश सिंह फिलहाल हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन, पंचकूला के प्रबंध निदेशक, एफएसएल मधुबन के निदेशक और डीजी/एचएसएनसीबी (एच) के रूप में कार्यरत हैं। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा (आईएएस) द्वारा जारी आदेश राज्यपाल की स्वीकृति से लागू किया गया है।
हरियाणा में एक आईपीएस अधिकारी की मौत ने प्रशासनिक ढांचे को हिला दिया है। वाई पूरन कुमार आत्महत्या प्रकरण अब सिर्फ एक आत्महत्या की जांच नहीं रहा, यह सिस्टम बनाम संवेदना, सत्ता बनाम सच्चाई की जंग बन गया है। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरानिया को पहले ही पद से हटाया जा चुका है।
यह फैसला उस समय आया, जब विपक्ष के बड़े नेता राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान मंगलवार को मृतक अधिकारी के परिजनों से मिलने चंडीगढ़ पहुंचने वाले हैं। घटना को सात दिन बीत चुके हैं, लेकिन वाई पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम अब तक नहीं हो सका।
परिवार का साफ कहना है कि जब तक मुख्य आरोपी अधिकारियों को निलंबित व गिरफ्तार नहीं किया जाता, अंतिम संस्कार नहीं होगा।
परिजनों का आरोप है कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजरानिया ने न सिर्फ अधिकारी को मानसिक रूप से तोड़ा बल्कि उन्हें जातिगत अपमान का सामना भी करना पड़ा।
इसी आधार पर चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने में एससी/एसटी एक्ट के तहत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
इसमें राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, डीजीपी कपूर, एसपी बिजरानिया सहित 15 वरिष्ठ अफसरों के नाम शामिल हैं।
राजनीतिक नाड़ी पर प्रेशर - दिल्ली से चंडीगढ़ तक हलचल
• केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले पहले ही परिजनों से मिल चुके हैं। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बात कर डीजीपी को तत्काल हटाने की मांग की।
• तेलंगाना के डिप्टी सीएम मल्लू भट्टी विक्रमार्का, झारखंड कांग्रेस प्रभारी राजू, और हरियाणा के कई दलित संगठन भी परिवार के साथ खड़े हैं।
• राहुल गांधी मंगलवार को सुबह 10 बजे भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राव नरेंद्र सिंह, और कांग्रेस नेताओं के साथ श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।
• चिराग पासवान दोपहर में परिवार से मुलाकात करेंगे। दलित अधिकारियों पर संस्थागत उत्पीड़न का मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।
सरकार बचाव मोड में, पीएम की रैली भी टली
विवाद के बढ़ते सियासी तापमान के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 17 अक्टूबर की सोनीपत रैली को स्थगित कर दिया गया। राज्य सरकार इसके पीछे “तकनीकी कारण” बता रही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार दिल्ली से संकेत साफ हैं - पहले विवाद शांत करो, फिर रैली की बात करो। मुख्यमंत्री सैनी ने राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष से इस पूरे मामले पर चर्चा की है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो फिलहाल केंद्रीय ऊर्जा मंत्री हैं, विदेश दौरे से लौटकर स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं।
एसआईटी बनी, पर परिवार को भरोसा नहीं
सरकार ने जांच के लिए 6 सदस्यीय एसआईटी गठित की है, लेकिन परिवार का आरोप है कि जिनके खिलाफ केस है, वही जांच की कमान थामे हैं।
आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार और उनके भाई विधायक अमित रतन कोटफत्ता लगातार यह मांग कर रहे हैं कि डीजीपी और एसपी को सिर्फ छुट्टी नहीं, जेल भेजा जाए।