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मोदी की 17 की सोनीपत रैली स्थगित, सोनिया-राहुल आज आयेंगे चंडीगढ़

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने संभाला मोर्चा, राज्यपाल से मिले सीएम नायब सैनी
IPS Puran Kumar suicide case
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हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने राजनीतिक माहौल को पूरी तरह गरम कर दिया है। सोमवार को सातवें दिन भी परिवार शव का पोस्टमार्टम करवाने को तैयार नहीं हुआ, जबकि सरकार और प्रशासन के तमाम प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। लगातार बढ़ रहे गतिरोध के बीच 17 अक्तूबर को नायब सरकार की वर्षगांठ पर सोनीपत में होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की रैली फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है।

माना जा रहा है कि आईपीएस पूरण मामले के चलते ही यह निर्णय हुआ है। वहीं, दूसरी ओर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार की शाम चंडीगढ़ आयेंगे। वे पूरन के परिवार से मुलाकात करेंगे। राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी के भी आने की संभावना है। ऐसा कहा गया है की सोनिया गांधी ने भी चंडीगढ़ आने की इच्छा ज़ाहिर की है। सीएम नायब सिंह सैनी सोमवार को सोनीपत में थे। उनका वहां से नयी दिल्ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वह भी रद्द  हो गया है।

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इधर, केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने दक्षिण अफ्रीका से लौटते ही मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से विस्तार से बातचीत की और घटनाक्रम की जानकारी ली। बाद में मुख्यमंत्री ने नायब सिंह सैनी ने राज्यपाल प्रो़ असीम कुमार घोष से मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा की। घटनास्थल चंडीगढ़ अब राजनीतिक नेताओं का केंद्र बन गया है। सोमवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लूभट्टी विक्रमार्का, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू और कृष्णपाल गुर्जर सहित कई वरिष्ठ नेता अमनीत पी़ कुमार (आईपीएस की पत्नी) के आवास पर पहुंचे। इस बीच लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं, वे परिवार से मुलाकात करेंगे।

इन सभी ने परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। रामदास अठावले ने कहा कि दलित विरोधी मानसिकता आज भी खत्म नहीं हुई है। अब समय है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात भी की और इस पूरे मामले पर चर्चा की। माना जा रहा है कि रामदास अठावले ने भी परिवार को यह कहते हुए समझाने की कोशिश की है कि उन्हें न्याय मिलेगा।

परिवार अड़ा - ‘पहले कार्रवाई, फिर पोस्टमार्टम’

आईएएस अधिकारी अमनीत अब भी इस बात पर अड़ी हैं कि जब तक आरोपियों को निलंबित कर गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार, उनके भाई और आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता भी इस रुख में उनके साथ हैं और बातचीत की बागड़ोर उन्होंने ही संभाली हुई है। अब ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस मामले में राजनीति काफी बढ़ गई है। खासकर पंजाब की ओर से। रविवार और सोमवार को भी हरियाणा सरकार के मंत्रियों के प्रयास नाकाम रहे।

सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी मौत

आईपीएस वाई पूरन कुमार की मौत अब हरियाणा सरकार के लिए प्रतिष्ठा और साख का बड़ा प्रश्न बन चुकी है। प्रदेश सरकार 17 अक्तूबर को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा करने जा रही है। इस अवसर पर सोनीपत में रैली में सरकार की योजना थी कि इस मंच से विकास कार्यों की रिपोर्ट कार्ड पेश की जाएगी, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। कैबिनेट की रविवार को हुई बैठक में इस संबंध में कोई निर्णय नहीं हो सका और अब मंगलवार को होने वाली अनौपचारिक बैठक में तय होगा कि कार्यक्रम होगा या नहीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह मामला अब केवल प्रशासनिक नहीं, राजनीतिक संकट बन गया है। हर निर्णय सोच-समझकर लेना होगा।

जातीय समीकरणों में उलझी सरकार

वाई पूरन की मौत के बाद प्रदेश में जातीय तनाव का माहौल बन गया है। अनुसूचित जाति ने इसे सामाजिक न्याय और भेदभाव का मामला बताते हुए लामबंदी शुरू कर दी है। दूसरी ओर, पंजाबी और जाट समुदायों के संगठन भी सरकार के खिलाफ पंचायतें करने लगे हैं। सरकार पर एससी अधिकारियों के साथ भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं कि यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत प्रताड़ना का परिणाम है।

डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार, परिणाम शून्य

राज्य सरकार ने प्रारंभिक चरण में कैबिनेट मंत्रियों कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी को परिवार से संवाद का जिम्मा दिया था। दोनों मंत्री दो दिन से अमनीत कुमार के परिवार से मुलाकात नहीं कर पाए हैं। सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमनीत स्वयं निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं, परिवार पूरी तरह रिश्तेदारों और राजनीतिक दबाव में है। इस स्थिति में सरकार ने बातचीत की कोशिशें रोक दी हैं और अब सीनियर आईएएस अधिकारियों को आगे किया गया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरएस वुंडरू भी लगातार अमनीत पी़ कुमार से संपर्क बनाए हुए हैं और मुलाकात कर रहे हैं।

एसआईटी ने तेज की जांच, परिवार की नयी मांगें भी शामिल

चंडीगढ़ पुलिस ने परिवार की मांग पर एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट की कड़ी धारा जोड़ी है और जांच एसआईटी को सौंपी गई है। परिवार के अनुरोध पर पोस्टमार्टम टीम में एक मजिस्ट्रेट और बैलिस्टिक एक्सपर्ट को शामिल करने की मंजूरी भी दे दी गई है। पीजीआई में मेडिकल बोर्ड का गठन पहले ही किया जा चुका है, लेकिन अमनीत ने शव की पहचान करने से इनकार कर दिया, जिससे सोमवार को भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका। चंडीगढ़ प्रशासन ने बयान जारी किया है कि हम हर मांग को पूरा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन जांच तभी आगे बढ़ेगी जब पोस्टमार्टम होगा।

कांग्रेस, आप और इनेलो के प्रतिनिधिमंडल सक्रिय

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा, वरुण मुलाना, सतपाल ब्रह्मचारी, चंद्रप्रकाश सहित प्रतिनिधिमंडल ने अमनीत से मुलाकात कर न्याय में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला और पूर्व डीजीपी एमएस मलिक के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने भी सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के चार मंत्रियों -हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह, मोहिंदर भगत और डॉ़ रवजोत ने भी सोमवार को अमनीत से मुलाकात की। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी संवेदना जताने पहुंचे।

अठावले बोले - मानसिकता नहीं बदली, दोषी बच नहीं सकते

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने चंडीगढ़ में कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी दलितों के प्रति मानसिकता में बदलाव नहीं आया है। जो भी अधिकारी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि केंद्र सरकार इस पूरे प्रकरण की निगरानी कर रही है और एसआईटी को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

केंद्र की एंट्री - संतुलन साधने की कोशिश

राज्य सरकार के डैमेज कंट्रोल में नाकाम रहने के बाद केंद्र ने सीनियर मंत्रियों को सीधे सक्रिय किया है। मनोहर लाल के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और रवनीत बिट्टू ने स्थिति की समीक्षा की है। गुर्जर ने कहा कि एसआईटी जांच में कोई समझौता नहीं होगा। दोषी चाहे कितना भी बड़ा हो, सजा तय है। वहीं रवनीत बिट्टू ने उम्मीद जताई कि परिवार के साथ बातचीत से जल्द समाधान निकलेगा।

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