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International Gita Mahotsav 2024: कुरुक्षेत्र में दिख रहा लोक संस्कृति और शिल्पकला का अनोखा संगम, देखें तस्वीरें

कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर (हप्र) International Gita Mahotsav 2024: पावन ब्रह्मसरोवर तट पर चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में लोक संस्कृति और शिल्पकला का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। यहां पहुंचे शिल्पकारों और कलाकारों ने अपने हुनर और प्रदर्शन...
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कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर (हप्र)

International Gita Mahotsav 2024: पावन ब्रह्मसरोवर तट पर चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में लोक संस्कृति और शिल्पकला का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। यहां पहुंचे शिल्पकारों और कलाकारों ने अपने हुनर और प्रदर्शन से न केवल पर्यटकों का मन मोह लिया है, बल्कि ब्रह्मसरोवर की फिजाओं को भी एक नया रंग दे दिया है।

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उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र (एनजैडसीसी) के तत्वावधान में विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपनी संस्कृति और परंपराओं को मंच पर जीवंत कर रहे हैं।

उत्तराखंड का छपेली नृत्य, पंजाब का गटका, हिमाचल प्रदेश का गद्दी नाटी, राजस्थान के बहरूपिए और लहंगाध्मंगनीयार, पंजाब के बाजीगर, और दिल्ली का भवई नृत्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं।

ब्रह्मसरोवर तट पर पर्यटक इन लोक कलाकारों के साथ नृत्य करते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे पूरे महोत्सव में एक अद्भुत उत्साह का माहौल बन गया है।

गीता महोत्सव के दौरान सरस और शिल्प मेले का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 15 दिसंबर तक चलने वाले इस मेले में देशभर से आए शिल्पकार अपने हाथों की बेमिसाल कारीगरी प्रस्तुत कर रहे हैं। उनकी अनूठी शिल्पकला से ब्रह्मसरोवर का तट और भी भव्य हो गया है। पर्यटक इन शिल्पकारों के स्टॉल पर रुककर उनकी कला को निहारते और खरीदारी करते नजर आ रहे हैं।

महोत्सव में पर्यटक लोक कलाकारों के प्रदर्शन और शिल्पकला की खूबसूरती को अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं। हर कोई इन पलों को जीने और सहेजने में व्यस्त है। ब्रह्मसरोवर पर लोक संस्कृति और परंपराओं का यह संगम पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया है।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव न केवल कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर प्रस्तुत कर रहा है, बल्कि यह विभिन्न राज्यों के कलाकारों और शिल्पकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का एक मंच भी प्रदान कर रहा है। महोत्सव के माध्यम से यहां के पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है।

देश-विदेश से आए पर्यटकों की भारी भीड़ ने महोत्सव की रौनक को और बढ़ा दिया है। हर कोई ब्रह्मसरोवर के इस अनोखे सांस्कृतिक और कलात्मक माहौल का आनंद ले रहा है।

महोत्सव के संयोजकों ने इसे लोक संस्कृति और शिल्पकला का सबसे बड़ा उत्सव बनाने की दिशा में प्रयास किया है। यह आयोजन हर साल की तरह इस बार भी यादगार बन चुका है।

फोटो स्रोतः एक्स अकाउंट @igmkkr व @DiprHaryana

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