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जम्मू-कश्मीर चुनाव के दौरान आतंंकी हमलों का खुफिया अलर्ट

पीओके से रची जा रही साजिश, सुरक्षा बढ़ाएगा केंद्र
फाइल चित्र -प्रेट्र
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अनिमेष सिंह/ ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 3 सितंबर

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जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए कई आतंकी समूह लक्षित हत्याओं और चुनाव अधिकारियों व सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रच रहे हैं। खुफिया सूत्रों से ऐसी जानकारी मिलने के बीच केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर और वहां के प्रमुख राजनेताओं की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने ट्रिब्यून को बताया कि लश्कर-ए-तैयबा और अल-बद्र जैसे आतंकी संगठनों के बारे में इनपुट मिले हैं, जो जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में चुनाव के दौरान लक्षित हत्याओं के लिए अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की योजना बना रहे हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक, ऐसा समझा जाता है कि लश्कर-ए-तैयबा और अल बद्र के साथ-साथ हिजबुल मुजाहिदीन ने भी समन्वित हमलों की योजना बनाई है। हमलों की साजिश नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से रची जा रही है। आतंकी संगठनों द्वारा लक्षित हमलों के लिए वहां से अपने ओवर-ग्राउंड वर्कर्स को हथियार भेजने के प्रयासों के बारे में खुफिया जानकारी प्राप्त हुई है। इन ओवर-ग्राउंड वर्कर्स के माध्यम से विस्फोटकों की व्यवस्था की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि कश्मीर घाटी में शोपियां और बडगाम, जबकि जम्मू के कठुआ और सांबा जिले आतंकवादी समूहों के निशाने पर हैं।

शीर्ष सूत्रों ने बताया कि हाल के दिनों में सुरक्षा बलों पर हुए हमलों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की बड़े पैमाने पर समीक्षा की जा रही है और मतदान कर्मचारियों के साथ-साथ उम्मीदवारों की सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। यहां तक ​​कि 198 किमी लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ाए जाने की संभावना है।

सुरक्षा बलों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा समीक्षा बैठकें की थीं।

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