हैदराबाद, 19 दिसंबर (एजेंसी)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद से भारत जिस तरह से निपटा है, उसने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है और सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। इस गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास रखता है लेकिन देश के आत्मसम्मान पर किसी भी तरह की चोट को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हैदराबाद में डिंडीगुल वायुसैनिक अड्डे पर संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ‘चीन के रवैये ने उसके इरादों को जाहिर कर दिया।’ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सीमाओं पर छिटपुट संघर्षों को अंजाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि 4 युद्धों में भारत से पराजित होने के बावजूद पड़ोसी देश आतंकवाद के जरिए ‘छद्म युद्ध’ छेड़ रहा है, लेकिन सैन्य बल और पुलिस आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं। पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के शिविरों पर भारत के हवाई हमलों का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह दुनिया को भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत इरादों को दर्शाता है।
अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र से भी चुनौतियां
सिंह ने कहा कि देश को न केवल सीमाओं और समुद्रों, बल्कि अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके लिए उसे तैयार रहने की आवश्यकता है। सिंह ने कहा कि सुधारों के रूप में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाने, रक्षा विनिर्माण पर नयी नीति और आयुध कारखानों के निगमीकरण समेत कई कदम उठाये गये हैं।