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Indigo Flight Crisis : कांग्रेस बोलीं- इंडिगो संकट सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल' का नतीजा, सरकार को इस कंपनी के आगे झुकना पड़ा

इंडिगो की सैकड़ों घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को कर दिया गया रद्द
सांकेतिक फाइल फोटो।
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Indigo Flight Crisis : कांग्रेस ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में परिचालन संबंधी व्यवधान को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इंडिगो का यह संकट इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल' का नतीजा है।

मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि सरकार को इंडिगो के आगे झुकना पड़ा और उसने अपना दिशानिर्देश वापस ले लिया। इंडिगो की सैकड़ों घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया, जबकि कई उड़ानें देर से रवाना होने से हजारों यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है। इस स्थिति को देखते हुए विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने शुक्रवार को उड़ान ड्यूटी मानदंडों में ढील देते हुए पायलटों को छुट्टियों की जगह साप्ताहिक विश्राम अवधि लेने की अनुमति दे दी।

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि इंडिगो का संकट इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल' का नतीजा है। एक बार फिर इसकी कीमत आम भारतीयों को देरी, उड़ानें रद्द होने और लाचारी के रूप में चुकानी पड़ी है। उन्होंने दावा किया कि भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, "मैच फिक्सिंग के एकाधिकार" का नहीं है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि आज हवाई अड्डों पर जो हो रहा है, वो एकाधिकार का नतीजा है। कहा गया था कि हवाई चप्पल पहनने वाले हवाई जहाज़ में बैठेंगे। लेकिन हवाई अड्डों पर यात्रियों और इंडिगो स्टाफ के बीच जूते-चप्पल चल रहे हैं। पार्टी दो लोग चलाएंगे, सरकार दो लोग चलाएंगे, व्यापार दो लोग चलाएंगे। ऐसे में फिर वही होगा जो हो रहा है।

हमारे एयरलाइन क्षेत्र का 92 प्रतिशत शेयर सिर्फ दो कंपनियों के हाथ में है। ये कंपनियां इंडिगो और टाटा हैं। सरकार को इनके सामने झुकना पड़ा और यात्री सुरक्षा की नई गाइडलाइंस इन कंपनियों के दबाव के कारण वापस लेनी पड़ी। इंडिगो हाल के दिनों में चालक दल की भारी किल्लत का सामना कर रही है। दरअसल उड़ान ड्यूटी की सीमा तय करने वाले नए एफडीटीएल नियम लागू होने के बाद से ही एयरलाइन चालक दल की संख्या में कमी का सामना कर रही है। नए नियमों के तहत पायलट के लिए साप्ताहिक विश्राम का समय बढ़ाया गया है और रात में विमानों के उतरने की संख्या सीमित की गई है, ताकि उड़ान सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।

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