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इंडिगो की 500 उड़ानें रद्द, यात्रियों का गुस्सा सातवें आसमान पर

लगातार चौथे दिन व्यवधान, डीजीसीए ने नियमों में दी छूट
बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो द्वारा उड़ानें रद्द करने के बाद फंसे हुए यात्री। -प्रेट्र
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देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो की सेवाएं लगातार चौथे दिन पटरी से उतरी रहीं और हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे रहे। शुक्रवार को कंपनी की करीब 500 उड़ानें रद्द हुईं। दिल्ली हवाई अड्डे से उसकी एक भी घरेलू फ्लाइट ऑपरेट नहीं हुई। इंडिगो संकट के बीच कई मुख्य घरेलू रूट पर हवाई किराये आसमान छू रहे हैं। कुछ रूट पर किराया विदेश यात्रा से भी महंगा हो गया है। हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी के बीच यात्रियों का गुस्सा बढ़ने और विपक्षी दलों के सरकार को घेरने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हस्तक्षेप करते हुए इंडिगो के पायलटों के लिए रात्रि ड्यूटी के कड़े नियमों से अस्थायी छूट दे दी। साथ ही छुट्टियों के स्थान पर साप्ताहिक विश्राम अवधि की अनुमति भी दे दी। वहीं, सरकार ने उड़ानों में व्यवधान के कारणों का पता लगाने और जवाबदेही तय करने के लिए उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए। डीजीसीए ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। इंडिगो का संकट उन नये नियमों के कारण खड़ा हुआ, जिनके तहत पायलटों के साप्ताहिक आराम की जरूरत के समय को 12 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है। साथ ही सप्ताह में केवल दो बार रात में लैंडिंग की अनुमति दी गई है, जो पहले छह हुआ करती थी। इंडिगो ने व्यवधानों के लिए ‘गलत फैसलों और योजनागत कमियों’ को जिम्मेदार ठहराया है।

सेवाएं पूरी तरह बहाल होने में लगेंगे तीन दिन : विमानन मंत्री

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हवाई अड्डों पर तीन दिन से मची अफरा-तफरी के बीच नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बयान में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अगले तीन दिन में सेवाएं पूरी तरह बहाल हो जाएंगी। इंडिगो की उड़ानों में व्यवधान के कारणों का पता लगाने और जवाबदेही तय करने के लिए उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।’

 

सरकार के एकाधिकार मॉडल का परिणाम : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह संकट इस सरकार के ‘एकाधिकार मॉडल’ का परिणाम है। उन्होंने कहा, ‘उड़ानों में देरी व उनके रद्द होने से एक बार फिर इसकी कीमत आम भारतीयों को चुकानी पड़ रही है। भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, मैच फिक्सिंग के एकाधिकार का नहीं है।’

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