चेन्नई, 28 अगस्त (एजेंसी)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि देश में स्वदेशी पोत निर्माण का हब बनने की ‘असीम संभावना’ है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र घरेलू उद्योग को विश्व स्तरीय बनाने में मदद के लिए कई नीतियां लाया है। भारतीय तटरक्षक बल के पोत (आईसीजीएस) ‘विग्रह’ को यहां नौसेना के बेड़े में शामिल करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि डिजाइन से लेकर विकास तक यह जलपोत पूरी तरह स्वदेशी है। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा के इतिहास में पहली बार निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के साथ एक या दो नहीं, बल्कि 7 जहाजों के लिए करार हुआ है। सिंह ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2015 में इस समझौते पर हस्ताक्षर के 7 वर्षों के भीतर आज इन सभी 7 जहाजों को शामिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है।’
रक्षा मंत्री ने कहा कि अगले 2 वर्षों में दुनियाभर में सुरक्षा पर खर्च 2 लाख 10 हजार करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा।
98 मीटर लंबा : रक्षा विभाग ने एक बयान में कहा कि 98 मीटर लंबे जहाज में 11 अधिकारी और 110 नौसैनिकों के सवार होने की क्षमता है। यह उन्नत तकनीकी राडार, नौवहन और संचार उपकरणों, सेंसर से लैस है। आईसीजीएस विग्रह दोहरे इंजन वाले एक हेलीकॉप्टर और 4 तेज गति वाली नौकाओं का भार उठा सकता है। यह 40/60 बोफोर्स गन से लैस है। यह समुद्र में तेल बिखरने से निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण उपकरण का भार भी उठा सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर’ का भी इस जहाज से संचालन किया जा सकता है।