अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत का रूसी तेल आयात एक तिहाई घटा
अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत का रूसी तेल आयात लगभग एक तिहाई घट गया है। विश्लेषकों का अनुमान है कि दिसंबर में यह और कम होगा, क्योंकि रिफाइनरी कंपनियां प्रतिबंधों से बचने के लिए वैकल्पिक स्रोतों का रुख कर रही...
अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत का रूसी तेल आयात लगभग एक तिहाई घट गया है। विश्लेषकों का अनुमान है कि दिसंबर में यह और कम होगा, क्योंकि रिफाइनरी कंपनियां प्रतिबंधों से बचने के लिए वैकल्पिक स्रोतों का रुख कर रही हैं। डेटा विश्लेषण कंपनी केप्लर के अनुसार नवंबर में रूस से भारत का कच्चा तेल आयात औसतन 18 लाख बैरल प्रतिदिन रहा और कुल कच्चे तेल आयात में इसकी हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से अधिक थी। इससे पहले अक्तूबर में यह आंकड़ा 15-16 लाख बैरल प्रतिदिन था। माना जा रहा है कि नवंबर का आयात पांच महीनों में सबसे अधिक था, क्योंकि प्रतिबंध लागू होने की समयसीमा 21 नवंबर से पहले आयात बढ़ाया गया। केप्लर के प्रमुख शोध विश्लेषक सुमित रितोलिया ने कहा, ‘21 नवंबर से पहले आयात 19-20 लाख बैरल प्रतिदिन के करीब था, क्योंकि खरीदार समयसीमा से पहले माल ला रहे थे। इसके बाद मात्रा कम हो गई। ऐसा लगता है कि रिफाइनरियों ने प्रतिबंध लागू होने से पहले कच्चे तेल का स्टॉक कर लिया।’ उन्होंने बताया कि इसके बाद आयात घटकर लगभग 12.7 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया, जो मासिक आधार पर 5.7 लाख बैरल प्रतिदिन की कमी दर्शाता है।

