India’s Got Latent Controversy : सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया को दी ‘द रणवीर शो' प्रसारण की अनुमति, कहा - 280 लोग इसपर निर्भर
नई दिल्ली, 3 मार्च (भाषा)
सुप्रीम कोर्ट ने पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को उनके "द रणवीर शो" को प्रसारित करने की सोमवार को अनुमति दे दी। बशर्ते वह "नैतिकता और शालीनता" बनाए रखें और यह वचन दें कि यह सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है।
लगभग 280 लोग इस शो पर निर्भर
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इलाहाबादिया की इस दलील पर गौर किया कि पॉडकास्ट उनकी आजीविका का एकमात्र स्रोत है। उनके द्वारा काम पर रखे गए लगभग 280 लोग इस शो पर निर्भर हैं। पीठ ने इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से दिए गए अंतरिम संरक्षण को अगले आदेश तक बढ़ा दिया तथा उन्हें गुवाहाटी में जांच में शामिल होने को कहा।
केंद्र और महाराष्ट्र, असम एवं ओडिशा जैसे राज्यों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विवादास्पद यूट्यूब शो ‘‘इंडियाज गॉट लैटेंट'' पर की गई टिप्पणी न केवल अश्लील हैं, बल्कि अनुचित भी हैं। उन्होंने अदालत से कोई भी शो को प्रसारित नहीं करने की शर्त में बदलाव नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें कुछ समय के लिए चुप रहने दें।''
पीठ ने इलाहाबादिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ से कहा कि मौलिक अधिकार थाली में (परोस कर) नहीं मिलते, बल्कि उनके साथ कुछ पाबंदियां जुड़ी होती हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि मामले का एक आरोपी कनाडा गया था और उसने इस मामले पर बात की थी। न्यायाधीश ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘ये युवा सोच सकते हैं कि हम पुराने ढंग के (आउटडेटेड) हैं, लेकिन हम जानते हैं कि उनसे कैसे निपटना है। अदालत को हल्के में न लें।''
इसके बाद पीठ ने इलाहाबादिया पर पाबंदी लगाते हुए कहा कि वह अपने शो में इस मामले से जुड़ी कोई बात नहीं कहेंगे। इस बीच, केंद्र को निर्देश दिया गया कि वह सोशल मीडिया सामग्री पर एक मसौदा विनियामक तंत्र लेकर आए, जिसे सभी हितधारकों से सुझाव एकत्र करने के अलावा सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
हालांकि, पीठ ने इलाहाबादिया को फिलहाल विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले की जांच में शामिल होने के बाद उनके अनुरोध पर विचार किया जाएगा। इलाहाबादिया के खिलाफ कॉमेडियन समय रैना के शो "इंडियाज गॉट लैटेंट" में माता-पिता और सेक्स पर की गई टिप्पणी के लिए कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और उनकी टिप्पणी को ‘अश्लील' करार देते हुए कहा था कि उनकी ‘विकृत मानसिकता' से समाज को शर्मिंदा होना पड़ा।