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India’s Got Latent row : इलाहाबादिया और सहयोगी अगले आदेश तक कोई अन्य शो नहीं करेंगे प्रसारित, कोर्ट ने अभद्र टिप्पणी पर लगाई फटकार

कोर्ट ने कहा- अगर इस देश में यह अश्लीलता नहीं है तो अश्लीलता का मानदंड क्या है?
रणबीर अलाहबादिया। Photo: X@BeerBicepsGuy
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नई दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा)

सुप्रीम कोर्ट ने एक यूट्यूब कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। कार्यक्रम को ‘अश्लील' करार देते हुए कहा कि उनकी ‘विकृत मानसिकता' से समाज को शर्मिंदा होना पड़ा। हास्य कलाकार समय रैना के यूट्यूब कार्यक्रम ‘इंडियाज गॉट लैटेंट'' में माता-पिता और यौन संबंध को लेकर टिप्पणी करने के लिए ‘बीयरबाइसेप्स' के नाम से मशहूर इलाहाबादिया के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

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आप माता-पिता का अपमान कर रहे हैं...

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि आप हमें बताइए कि क्या धरती पर कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे इस तरह के शब्द पसंद हों। आप माता-पिता का अपमान कर रहे हैं... हम इस बारे में और कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन उनके दिमाग में कुछ बहुत गंदा है जो इस तरह के कार्यक्रम में उगल दिया है। कोर्ट को ऐसे व्यक्ति की बात क्यों सुननी चाहिए?। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इलाहाबादिया का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ से कहा कि आपने जो शब्द चुने हैं। उनसे माता-पिता, बेटियां-बहनें शर्मिंदा होंगी, आपका छोटा भाई और पूरा समाज शर्मिंदा होगा।

निजी तौर पर याचिकाकर्ता की टिप्पणी से आहत

अंतरिम राहत प्रदान करते हुए पीठ ने इलाहाबादिया और उनके सहयोगियों के अगले आदेश तक ऐसे किसी शो का प्रसारण करने से रोक दिया। हम जानना चाहते हैं कि अगर इस देश में यह अश्लीलता नहीं है तो अश्लीलता का मानदंड क्या है? इलाहाबादिया को शो में अपनी भाषा से अपने माता-पिता को हुई शर्मिंदगी को लेकर शर्म आनी चाहिए। निजी तौर पर वह याचिकाकर्ता की टिप्पणी से आहत हैं लेकिन क्या इसमें आपराधिक मुकदमा चल सकता है।

अधिवक्ता ने चंद्रचूड़ की दलीलों से जताई सहमति 

आपराधिक कार्यवाही या मुकदमे के लिए क्या स्तर होना चाहिए? आपके हिसाब से कौन से शब्द हैं जिन पर आपराधिक मुकदमा चलना चाहिए। समाज के कुछ स्व-विकसित मूल्य हैं जहां आप जिम्मेदार नागरिक के रूप में उन मानदंडों में व्यवहार करते हैं। वो कौन से मानदंड और मूल्य हैं? हम याचिकाकर्ता और उनके साथ रहे अन्य कलाकारों से यह जानना चाहेंगे। उनके मुताबिक भारतीय समाज के लिए वो कौन से मानदंड हैं? पीठ ने ‘इन्फ्लूएंसर' का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ की दलीलों से सहमति जताई कि उन्हें किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।

जान से मारने की धमकियां भी मिल रही

अधिवक्ता ने कहा कि इसके अलावा उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं। पीठ ने निर्देश दिया कि यूट्यूब कार्यक्रम ‘‘इंडिया'ज गॉट लैटेंट'' के दौरान उनकी टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कोई और प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने विवादास्पद यूट्यूब कार्यक्रम पर इलाहाबादिया और उनके सहयोगी अन्य सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर' को अगले आदेश तक कार्यक्रम की कोई भी अन्य कड़ी प्रसारित करने से रोक दिया।

पीठ ने इलाहाबादिया को अपना पासपोर्ट ठाणे के पुलिस थाने में जमा करने का निर्देश देते हुए कहा कि वह कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना भारत से बाहर नहीं जाएंगे। पीठ ने रणवीर इलाहाबादिया को उनकी कथित अशोभनीय टिप्पणियों को लेकर महाराष्ट्र, असम में दर्ज प्राथमिकी की जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया।

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