भारतीय मूल के मानव तस्कर को 10 साल कैद, सजा के बाद देश निकाला
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नयी दिल्ली, 29 मई
कनाडा से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते समय भारत के चार लोगों के परिवार की ठंड से मौत के तीन साल से अधिक समय बाद अमेरिकी अदालत ने मानव तस्कर भारतीय मूल के व्यक्ति और उसके साथी को कैद की सजा सुनाई है। उल्लेखनीय है कि जनवरी, 2022 में कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते समय भारतीय परिवार की ठंड से मौत हो गई थी। इलाके में बर्फीला तूफान आया था और तापमान शून्य से 36 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया था। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि फ्लोरिडा के पूर्व भारतीय नागरिक 29 वर्षीय हर्षकुमार रमनलाल पटेल को साजिश में उनकी भूमिका के लिए 10 साल और एक महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। पटेल को उनकी सजा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका से निकाल दिया जाएगा। उसके सह-षड्यंत्रकारी, फ्लोरिडा निवासी 50 वर्षीय स्टीव एंथनी शैंड को 6 वर्ष और छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई, जिसके बाद दो वर्ष तक निगरानी में रिहा किया गया। इस घटना में तीन वर्षीय और 11 वर्षीय बच्चे और उनके माता-पिता की मौत हो गई थी।
यह थी घटना
18 और 19 जनवरी, 2022 को, पटेल और शैंड ने बर्फीले तूफान के बारे में बार-बार चेतावनी के बावजूद, कठोर सर्दियों के मौसम की स्थिति में पैदल कनाडा से संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 लोगों की तस्करी का प्लान बनाया था। एक अमेरिकी सीमा गश्ती एजेंट ने शैंड की वैन को बर्फ में फंसा हुआ पाया और दो अवैध अप्रवासियों के साथ शैंड को गिरफ्तार कर लिया। उस दिन बाद में, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा के कनाडाई हिस्से में एक सुनसान इलाके में चार लोगों के परिवार के शवों को बर्फ में जमे हुए पाया। लड़के को एक कंबल में लपेटा गया था और उसके चेहरे को उसके पिता के जमे हुए दस्ताने से ढका हुआ था।