Indian Export Duties : सवालों के घेरे में ट्रंप का 50% शुल्क, विदेश मंत्रालय के अधिकारी बोले- बात अभी जारी है...
एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने आज कहा कि अमेरिका को भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के ट्रंप प्रशासन के “एकतरफा” कदम के पीछे कोई तर्क या कारण नहीं है। विदेश मंत्रालय में सचिव, आर्थिक संबंध, दम्मू रवि ने वाशिंगटन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना करने के कुछ घंटों बाद बताया कि इस कदम के बाद भी अमेरिका और भारत के बीच बातचीत जारी है।
रवि ने यहां ‘एलआईडीई ब्राजील इंडिया फोरम' के अवसर पर कहा कि यह एकतरफा निर्णय है। मुझे नहीं लगता कि जिस तरह से यह किया गया है, उसमें कोई तर्क या कारण है। यहां कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा कि शायद, यह एक ऐसा दौर है जिससे हमें उबरना होगा। बातचीत अभी जारी है। इसलिए, हमें विश्वास है कि समय के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियों के समाधान निकल आएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल आयात से नाराज होकर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। इस कदम से कपड़ा, समुद्री और चमड़ा निर्यात जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर असर पड़ने की आशंका है। इस पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में भारत ने इसे “अनुचित, गैरन्यायोचित और अविवेकपूर्ण” बताया। रवि ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय भारतीय पक्ष की ओर से वार्ता का नेतृत्व कर रहा है। जब ट्रंप ने शुल्क बढ़ाने संबंधी कार्यकारी आदेश जारी किया तो कुछ समाधान नजर आने लगे थे।
उन्होंने कहा कि हम समाधान ढूंढने के बहुत करीब थे। मुझे लगता है कि इस गति में अस्थायी विराम लग गया है, लेकिन यह जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में घोषित योजना के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों का एक दल व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए इस महीने के अंत में भारत का दौरा करने वाला है। रवि ने कहा कि भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदार हैं। पिछले कुछ समय से उनके बीच पूरक संबंध हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों के कारोबारी और नेता व्यापार अवसरों की तलाश में हैं।