नयी दिल्ली, 12 मई (एजेंसी) भारतीय वायु सेना के एक सार्जेंट को रक्षा प्रतिष्ठानों और कर्मियों के बारे में गोपनीय और संवेदनशील सूचना एक पाकिस्तानी एजेंट को कथित तौर पर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी और दावा किया कि सार्जेंट को मोहपाश (हनी ट्रैप) में फंसाया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान 32 वर्षीय देवेंद्र नारायण शर्मा के तौर पर की गयी है, जो यहां सुब्रतो पार्क में भारतीय वायु सेना के रिकॉर्ड कार्यालय में प्रशासनिक सहायक (जीडी) के तौर पर काम कर रहा था। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह पता चला कि शर्मा को पाकिस्तान की एक महिला ने कथित तौर पर अपने ‘मोहपाश’ में फंसा लिया था और उसने महिला को कर्मियों, राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज दिए थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने छह मई को ‘शत्रु देश की एजेंट’ को व्हाट्सऐप के जरिए संवदेनशील सूचना कथित तौर पर लीक करने के लिए सार्जेंट को गिरफ्तार किया था। सार्जेंट ने कम्प्यूटर और अन्य फाइल से सूचना तथा दस्तावेज धोखे से हासिल किए थे। पुलिस के अनुसार, शर्मा को सूचना लीक करने के लिए एजेंट से रुपये भी मिले थे। भारतीय वायु सेना द्वारा मिली शिकायत के आधार पर गोपनीय सूचना अधिनियम कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया और सार्जेंट को छह मई को गिरफ्तार किया गया तथा सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान आपत्तिजनक सबूत जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और दस्तावेज बरामद किए गए। मामले की जांच चल रही है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।