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Operation Sindoor पहलगाम हमला आर्थिक युद्ध था, परमाणु ब्लैकमेल नहीं झेलेगा भारत : जयशंकर

न्यूयॉर्क, 1 जुलाई (एजेंसी) Operation Sindoor विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला महज सुरक्षा चुनौती नहीं था, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर लक्षित एक सुनियोजित आर्थिक युद्ध था। उन्होंने...
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न्यूयॉर्क, 1 जुलाई (एजेंसी)

Operation Sindoor विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला महज सुरक्षा चुनौती नहीं था, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर लक्षित एक सुनियोजित आर्थिक युद्ध था। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और आतंकवाद का मुँहतोड़ जवाब देगा।

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वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थित न्यूजवीक मुख्यालय में CEO देव प्रगाड से बातचीत में जयशंकर ने कहा,

"यह हमला कश्मीर की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के इरादे से किया गया था, जिसकी रीढ़ पर्यटन है। हमलावरों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर गोली मारी — यह न केवल आर्थिक हमला था, बल्कि धार्मिक तनाव भड़काने की भी साजिश थी।"

'संदेश साफ है : आतंकियों को अब बख्शा नहीं जाएगा'

जयशंकर ने कहा कि भारत अब आतंकियों को सीमा पार से कार्रवाई करने की छूट नहीं देगा। अगर वे सरहद के उस पार हैं, तो भी उन्हें दंड से छूट नहीं मिलेगी। हमने यह धारणा तोड़ी है कि सीमा पार होने से सज़ा से बचा जा सकता है और 'ऑपरेशन सिंदूर' इसी सोच का जवाब था।

इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित कार्रवाई की गई थी।

जयशंकर ने कहा कि इन संगठनों के मुख्यालय पाकिस्तान के आम शहरों में खुलेआम मौजूद हैं। और दुनिया जानती है कि कौन से भवन किस संगठन से जुड़े हैं, हमने उन्हीं पर वार किया।

'परमाणु हथियारों का डर दिखाकर नहीं रोक सकते हमें'

जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय मंच से एक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि काफी समय से यह सुनते आए हैं कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न देश हैं, इसलिए भारत को संयम बरतना चाहिए। लेकिन अब हम यह तर्क नहीं मानते। यदि पाकिस्तान हमला करेगा, तो भारत भी कार्रवाई करेगा — वह भी निर्णायक। आतंकवादियों को अब कोई 'प्रॉक्सी' छूट नहीं मिलेगी।

संयुक्त राष्ट्र में प्रदर्शनी से दिया वैश्विक संदेश

जयशंकर इस समय अमेरिका दौरे पर हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘The Human Cost of Terrorism’ नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया, जो भारत की स्थायी मिशन द्वारा आयोजित की गई थी।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं, यह वैश्विक खतरा है। कोई भी राष्ट्र इसे अपनी नीति साधने के औज़ार के रूप में इस्तेमाल न करे, क्योंकि यह अंततः उसी के खिलाफ लौटता है। दुनिया को आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता का संदेश देना होगा।

1947 से अब तक आतंकवाद का इतिहास दोहराया

जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद 1947 से ही शुरू हो गया था, जब तथाकथित कबायली लड़ाकों को कश्मीर में भेजा गया। बीते चार दशकों में हमने कई भयावह हमलों का सामना किया है। 2001 का संसद हमला और 2008 का मुंबई हमला इसकी मिसाल हैं। लेकिन अब हम नीतिगत बदलाव के दौर में हैं।

‘ट्रेड के ज़रिए युद्ध रोका’ वाले ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया

जब उनसे पूछा गया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा सही है कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष को व्यापार के ज़रिए रोका, तो जयशंकर ने जवाब दिया कि मुझे ऐसा नहीं लगता। व्यापारिक टीमें पेशेवर ढंग से अपने स्तर पर बातचीत कर रही हैं। इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है।

उन्होंने बताया कि 9 मई की रात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने फोन पर बात की थी और आगाह किया था कि पाकिस्तान भारी हमला कर सकता है यदि भारत कुछ बातें नहीं माने।

प्रधानमंत्री इस धमकी से ज़रा भी विचलित नहीं हुए। उन्होंने संकेत दिया कि अगर हमला हुआ तो जवाब ज़रूर दिया जाएगा। और फिर वही हुआ — पाकिस्तान ने हमला किया और भारत ने तत्काल जवाब दिया।

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