भारत-ब्रिटेन में 35 करोड़ पाउंड के मिसाइल सौदे
भारत और ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को नयी वायु-रक्षा मिसाइलों के लिए 35 करोड़ पाउंड के सौदे की घोषणा की। साथ ही, दोनों देशों ने महत्वपूर्ण खनिजों में व्यापक सहयोग तथा भारत में ब्रिटेन स्थित विश्वविद्यालयों के और अधिक परिसर खोलने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष केअर स्टार्मर की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में ब्रिटेन के वीजा नियमों में हाल ही में हुए बदलावों पर कोई टिप्पणी नहीं की गई, जिनका असर वेतन और न्यूनतम योग्यता के नये मानदंडों के कारण भारतीय आवेदकों पर पड़ा है। बैठक का सबसे बड़ा निष्कर्ष लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (एलएमएम) प्रणालियों के लिए सरकार से सरकार के बीच समझौते पर सहमति बनना है। मोदी-स्टार्मर ने भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों के लिए समुद्री विद्युत संचालन प्रणालियों के विकास पर अंतर-सरकारी समझौते को अंतिम रूप देने की घोषणा की। बैठक के बाद, स्टार्मर के साथ एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रौद्योगिकी साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा पर, मोदी ने कहा, ‘हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ स्टार्मर ने भी उनके शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।’
ब्रिटेन की धरती पर खालिस्तानियों का मुद्दा उठाया
स्टार्मर के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश धरती पर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का मुद्दा उठाया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि लोकतांत्रिक समाजों में चरमपंथ की जगह नहीं है ।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए किया भारत का समर्थन स्टार्मर ने कहा कि ब्रिटेन चाहता है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपना उचित स्थान प्राप्त करे। उन्होंने नौसैनिक अभ्यासों के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।