मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

UN में बोला भारत- PAK के लिए लोकतंत्र की अवधारणा बाहरी, POK में दमन बंद करे

Discussion in UN: भारत ने पाकिस्तान के लिए लोकतंत्र को एक "बाहरी" अवधारणा बताते हुए उससे अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों को रोकने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को 'यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन:...
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि व राजदूत पर्वतनेनी हरीश की फाइल फोटो। स्रोत एक्स अकाउंट @AmbHarishP
Advertisement

Discussion in UN: भारत ने पाकिस्तान के लिए लोकतंत्र को एक "बाहरी" अवधारणा बताते हुए उससे अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों को रोकने का आह्वान किया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को 'यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन: लुकिंग इंटू फ्यूचर' विषय पर आयोजित खुली बहस में पाकिस्तानी दूत के उल्लेखों का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि व राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हैं।”

Advertisement

उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से जानते हैं कि ये (लोकतांत्रिक) अवधारणाएं पाकिस्तान के लिए बाहरी हैं।” दूत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न व अविभाज्य अंग “था, है और हमेशा रहेगा।” हरीश ने कहा, “हम पाकिस्तान से अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों (POK) में मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन को रोकने का आह्वान करते हैं, जहां की जनता पाकिस्तान के सैन्य कब्जे, दमन, क्रूरता व संसाधनों के अवैध दोहन के खिलाफ खुला विद्रोह कर रही है।”

हरीश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को "वास्तविक, व्यापक सुधार" करने होंगे और 80 साल पुरानी सुरक्षा परिषद की संरचना अब समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती।

उन्होंने कहा, "1945 की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाली एक पुरानी परिषद संरचना 2025 की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार नहीं है।" भारतीय दूत ने सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि वैश्विक निर्णय लेने में “ग्लोबल साउथ” की आवाज को तवज्जो दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि "सुधारों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना हमारे नागरिकों, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।"

हरीश ने कहा, "ग्लोबल साउथ बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और इसकी अपनी अनूठी चुनौतियां हैं, विशेष रूप से विकास, जलवायु व वित्तपोषण के क्षेत्रों में।" उन्होंने कहा कि वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया अधिक लोकतांत्रिक व समावेशी होनी चाहिए।

Advertisement
Tags :
Hindi NewsIndia PakistanParvathaneni HarishpokUnited NationsUnited Nations Security CouncilWorld newsपर्वतनेनी हरीशपीओकेभारत-पाकिस्तानवर्ल्ड न्यूजसंयुक्त राष्ट्रसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदहिंदी समाचार
Show comments