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अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में कृषि मुद्दों पर भारत का रुख कड़ा

नयी दिल्ली, 30 जून (एजेंसी) भारत ने अमेरिकी के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत में कृषि से संबंधित मुद्दों पर अपना रुख कड़ा किया है। इसके साथ, दोनों देशों के बीच बातचीत महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गयी है।...
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नयी दिल्ली, 30 जून (एजेंसी)

भारत ने अमेरिकी के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत में कृषि से संबंधित मुद्दों पर अपना रुख कड़ा किया है। इसके साथ, दोनों देशों के बीच बातचीत महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गयी है। एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में भारतीय दल अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत को लेकर वाशिंगटन में है। बातचीत को अंतिम रूप देने के लिए भारतीय दल अभी वहां कुछ और समय रुक सकता है।

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दोनों पक्ष समझौते को नौ जुलाई से पहले अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। ऐसा नहीं होने पर 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क अमल में आ जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘यदि प्रस्तावित व्यापार वार्ता विफल हो जाती है, तो 26 प्रतिशत शुल्क फिर से लागू हो जाएगा।’ अमेरिका कृषि और डेयरी दोनों क्षेत्रों में शुल्क छूट की मांग कर रहा है। लेकिन, भारत के लिए इन क्षेत्रों में अमेरिका को शुल्क छूट देना कठिन और चुनौतीपूर्ण है। इसका कारण यह है कि भारतीय किसान आजीविका के लिए खेती में लगे हैं और उनके जोत का आकार काफी छोटा है। इसलिए, ये क्षेत्र राजनीतिक रूप से बहुत संवेदनशील हैं। भारत ने अबतक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है। अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, मोटर वाहन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, शराब, पेट्रोरसायन उत्पादों, डेयरी तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब, बादाम तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है। वहीं भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क छूट की मांग कर रहा है।

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