भारत-सिंगापुर संबंध कूटनीति से कहीं आगे : मोदी
भारत और सिंगापुर ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उनके सिंगापुरी समकक्ष लॉरेंस वोंग की मौजूदगी में अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने के लिए एक रोडमैप का अनावरण किया, जिसमें दुनिया में मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। वोंग मंगलवार को नयी दिल्ली पहुंचे थे।
मोदी और वोंग ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम पर व्यापक वार्ता की। मोदी ने वोंग की उपस्थिति में कहा कि भारत-सिंगापुर संबंध कूटनीति से कहीं आगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने निर्णय लिया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम और अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा। मोदी ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा, ‘आतंकवाद के संबंध में हमारी चिंताएं समान हैं। हमारा मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से लड़ना उन सभी देशों का कर्तव्य है जो मानवता में विश्वास रखते हैं।’
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी साझा मूल्यों पर आधारित है और यह आपसी हितों तथा शांति एवं समृद्धि के लिए साझा दृष्टिकोण से निर्देशित है। वहीं, वोंग ने कहा कि अनिश्चितता और अशांति से भरी दुनिया में भारत तथा सिंगापुर के बीच साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। मोदी-वोंग वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारतीय रिज़र्व बैंक और ‘मॉनिटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर’ के बीच हुआ डिजिटल परिसंपत्ति नवाचार पर समझौता इनमें से एक है।
जेएन पोर्ट पीएसए टर्मिनल के दूसरे चरण का ऑनलाइन उद्घाटन
मुंबई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ जेएन पोर्ट पीएसए टर्मिनल (बीएमसीटी) के दूसरे चरण का बृहस्पतिवार को ऑनलाइन उद्घाटन किया। इससे टर्मिनल की कुल कंटेनर संभालने की क्षमता 48 लाख टीईयू हो जाएगी। देश का प्रमुख कंटेनर बंदरगाह वैश्विक बाजार के अग्रणी कंपनियों द्वारा संचालित पांच प्रमुख समर्पित कंटेनर टर्मिनल को संभालता है। इनकी गहराई 15+ मीटर है तथा 18,000 टीईयू पोत को संभालने की क्षमता है। इस कार्यक्रम में पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर, पीएसए इंडिया के प्रबंध निदेशक गोबू सेलियाया और जेएनपीए के चेयरमैन उन्मेष शरद वाघ भी उपस्थित रहे। जेएनपीए भारत के सभी प्रमुख बंदरगाहों पर 54 प्रतिशत कंटेनरयुक्त माल का संचालन करता है।