India-Russia Trade व्यापार संतुलन सुधारने की पहल : भारत से अधिक कृषि उत्पाद और दवाइयां खरीदेगा रूस
India-Russia Trade रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस व्यापार संतुलन को दुरुस्त करने के लिए बड़े कदमों का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि रूस अब भारत से कृषि उत्पाद और औषधियां ज्यादा मात्रा में खरीदेगा, ताकि कच्चे तेल के आयात से बने असंतुलन को दूर किया जा सके। यह घोषणा ऐसे समय आई है, जब पुतिन दिसंबर की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिखर वार्ता के लिए नई दिल्ली आने वाले हैं।
दक्षिण रूस के सोची में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ‘वालदाई डिस्कशन क्लब’ में 140 देशों के विशेषज्ञों की मौजूदगी में पुतिन ने कहा कि रूस-भारत व्यापार संबंधों में छिपी अपार संभावनाओं को अब नए स्तर पर ले जाने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा, ‘भारत को अमेरिकी दंडात्मक शुल्कों से जो हानि हुई है, उसका समाधान हम कर सकते हैं। कच्चे तेल के आयात और नए सहयोगी क्षेत्रों से न सिर्फ़ संतुलन बनेगा, बल्कि भारत की संप्रभुता और वैश्विक प्रतिष्ठा भी मजबूत होगी।’
अमेरिकी दबाव और भारत का रुख
पुतिन का सीधा इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ पर था। इससे भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लागू हो गया है। इसके बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। पुतिन ने कहा, ‘भारत ने दबाव झेलते हुए स्वतंत्र निर्णय लिया है। यही उसे एक सशक्त राष्ट्र की पहचान देता है।’
कृषि और फार्मा क्षेत्र में नए अवसर
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के लिए कृषि और औषधि उद्योग सहयोग के नए द्वार खोल सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, ‘हम भारत से अधिक कृषि उत्पाद खरीद सकते हैं। औषधियों और फार्मास्यूटिकल्स में भी रूस सक्रिय पहल करेगा।’ इसके लिए उन्होंने अपनी सरकार को ठोस प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है, जो भारतीय साझेदारों के सामने रखा जाएगा।
पुतिन ने बताया कि फिलहाल रूस-भारत व्यापार 63 अरब डॉलर का है, जबकि रूस-बेलारूस व्यापार 50 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा, ‘भारत की आबादी 1.5 अरब और बेलारूस की केवल 1 करोड़ है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि हमारी वास्तविक संभावनाएं कहीं अधिक हैं।’
उन्होंने वित्तीय व्यवस्था, भुगतान प्रणाली और लॉजिस्टिक्स को प्रमुख बाधाएं बताते हुए इनके समाधान पर जोर दिया।
रिश्तों की ऐतिहासिक गर्माहट
पुतिन ने कहा कि रूस और भारत के रिश्ते कभी तनावपूर्ण नहीं रहे। सोवियत काल से चली आ रही ‘विशेष साझेदारी’ आज भी उतनी ही मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘भारत को यह याद है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान रूस ने उसका साथ दिया था। और हमें खुशी है कि भारत ने इसे कभी भुलाया नहीं।’
मोदी की नेतृत्व शैली की तारीफ़
पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘मित्र’ बताते हुए उन्हें ‘संतुलित, समझदार और राष्ट्रवादी सोच वाला नेता’ कहा। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने रूस के साथ सामरिक साझेदारी को नई दिशा दी है।
पंद्रह साल की विशेष साझेदारी
रूस और भारत के बीच विशेष सामरिक विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी (Special Strategic Privileged Partnership) जल्द ही 15 साल पूरे करेगी। पुतिन ने कहा, ‘हम दोनों देश अधिकांश अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं। हमारे विदेश मंत्रालय भी लगातार घनिष्ठ सहयोग में रहते हैं।’