ट्रंप के सलाहकार नवारो की 'ब्राह्मण' वाली टिप्पणी को भारत ने किया खारिज, बताया गलत और भ्रामक
भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस' के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए नई दिल्ली पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को ‘‘गलत और भ्रामक'' बताते हुए खारिज कर दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने नवारो द्वारा दिए गए गलत और भ्रामक बयानों को देखा है। हम उन्हें स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं। पिछले सप्ताह, नवारो ने भारत पर ‘‘क्रेमलिन के लिए तेल धन शोधन केंद्र'' होने का आरोप लगाया था। भारत रूसी हथियार खरीदना जारी रखे हुए है, जबकि उसने अमेरिकी रक्षा कम्पनियों से संवेदनशील सैन्य प्रौद्योगिकियों को स्थानांतरित करने और भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने का आग्रह किया था।
ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क (टैरिफ) को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में खटास आ गई है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘‘अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताया और इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि उसे ही दंडात्मक कार्रवाई के लिए क्यों चुना गया।
हैरानी की बात यह है कि अमेरिका ने रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक चीन पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है। रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए भारत कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है।