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India-Pak Tension : 'गोलियों से नहीं, बोलियों से बनेगी शांति', भारत-पाक तनाव के बीच महबूबा मुफ्ती ने दिया शांति फॉर्मूला

क्षेत्र में शांति का माहौल बनाने के लिए सैन्य कार्रवाई कोई समाधान नहीं : महबूबा मुफ्ती
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श्रीनगर, 9 मई (भाषा)

India-Pak Tension : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप का आह्वान करते हुए शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में शांति का माहौल बनाने के लिए सैन्य कार्रवाई कोई समाधान नहीं हो सकती।

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मुफ्ती ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दोनों देशों के नेतृत्व से संयम बरतने और एक-दूसरे पर हमले तत्काल रोकने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘पुलवामा और पहलगाम दो ऐसी घटनाएं हैं, जिन्होंने दोनों देशों को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है। यदि यह ऐसे ही चलता रहा तो पूरी दुनिया के लिए खतरा है।''

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह करगिल हो, पुलवामा हो, पहलगाम हो या पठानकोट, हमने देखा है कि जब भी कोई सैन्य कार्रवाई होती है, तो वह केवल लक्षणों का इलाज करती है, समस्या के मूल कारण का इलाज नहीं करती है। इससे कोई समाधान नहीं निकलता और स्थायी शांति बनाए रखने में भी मदद नहीं मिलती।'' पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य हस्तक्षेप से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश दुनिया में एक बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है, पाकिस्तान में आंतरिक हालात ठीक नहीं है। इसलिए दोनों देशों को राजनीतिक हस्तक्षेप करने का प्रयास करना चाहिए। सैन्य हस्तक्षेप से कुछ हासिल नहीं होगा।'' पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि स्थिति, विशेषकर दोनों पक्षों की सीमाओं पर, बहुत तनावपूर्ण है और तत्काल तनाव कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग अपने घर छोड़कर जा रहे हैं, कुछ लोगों की जान भी चली गई है, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। संयम बरतने की तत्काल आवश्यकता है। स्थिति को शांत किये जाने की जरूरत है। दोनों देशों के नेतृत्व को तनाव कम करने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।''

मुफ्ती ने कहा कि सीमा के दोनों तरफ के नागरिक मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्ध उन्होंने शुरू नहीं किया, यह उनकी इच्छा से नहीं हो रहा है, लेकिन वे अभी इसकी बहुत बड़ी कीमत चुका रहे हैं। सीमा पार से गोलीबारी में मारे गए बच्चों का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि इसमें बच्चों और महिलाओं का क्या दोष है? उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोनों देशों के नेतृत्व से आग्रह करती हूं कि अल्लाह के लिए हमले बंद कर दें। जम्मू-कश्मीर के लोग कब तक इसका दंश झेलते रहेंगे।''

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि दोनों देशों ने हमलों के जरिए अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों ने अपना हिसाब बराबर कर लिया है। तो फिर बच्चों का खून क्यों बहाया जा रहा है।'' मुफ्ती ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से अपील की कि वे फोन उठाएं और एक-दूसरे से बात करें तथा हमलों पर रोक लगाएं।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ही देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं और हम युद्ध के कगार पर हैं। सबसे पहले तो जम्मू-कश्मीर के लोग खत्म हो जाएंगे, फिर इस पूरे क्षेत्र और दुनिया को बचाया नहीं जा सकेगा। मैं नेतृत्व से अपील करती हूं कि चाहे वह पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व हो, हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था हो, इन हमलों को रोकें। हम बहुत सह चुके हैं। आपने अपने लक्ष्य हासिल कर लिए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ये हमले मानवता के खिलाफ हैं। मुझे उम्मीद है कि नेतृत्व जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज सुनेगा। अब काफी खून बह चुका है, इसे रोका जाना चाहिए।'' मुफ्ती ने दोनों पक्षों की मीडिया से भी सच बोलने की अपील की।

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