India-Oman Trade : भारत-ओमान CEPA पर जल्द हो सकते है हस्ताक्षर, राजदूत ने जताई समझौते की उम्मीद
India-Oman Trade : समझौते पर हस्ताक्षर की संभावित समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है... हम जल्द ही समझौते पर हस्ताक्षर करने के चरण पर पहुंच जाएंगे।'' सीईपीए कहे जाने वाले इस समझौते पर औपचारिक रूप से बातचीत नवंबर, 2023 में शुरू हुई थी। ऐसे समझौतों में, दो व्यापार भागीदार अपने बीच व्यापार की जाने वाली अधिकांश वस्तुओं पर सीमा शुल्क में काफी कमी करते हैं या उसे समाप्त कर देते हैं। वे सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश को आकर्षित करने के लिए नियमों को भी आसान बनाते हैं।
सीईपीए पर हस्ताक्षर होने के बाद द्विपक्षीय व्यापार पर प्रभाव के बारे में, भारत में ओमान के राजदूत ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि भारत ने अन्य देशों के साथ किए गए विभिन्न सीईपीए समझौतों का क्या असर हुआ है।'' अलशिबानी ने कहा कि प्रस्तावित समझौता ऊर्जा के अलावा अन्य वस्तुओं तक व्यापार के दायरे को सरल करेगा और उसे बढ़ाएगा। भारत, ओमान से मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों और यूरिया का आयात करता है। ये आयात का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। अन्य प्रमुख उत्पाद प्रोपलीन और एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन और लोहा तथा इस्पात हैं।
भारत में ओमान के राजदूत ने बताया, ‘‘ओमान से भारत को मुख्य निर्यात कच्चे तेल और पेट्रोरसायन की कीमतों पर निर्भर करता है। मुझे लगता है कि सीईपीए समझौते के बारे में गंभीरता से सोचने का कारण यही था कि इस व्यापार संबंध को अन्य वस्तुओं तक बढ़ाया जाए, जहां हम दोनों देशों के बीच अन्य वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान देखें।'' ओमान, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
भारत का एक इसी तरह का समझौता मई, 2022 से जीसीसी के एक अन्य सदस्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भी है। 2024-25 के दौरान भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.61 अरब डॉलर का था। ओमान में 6,000 से अधिक भारत-ओमान संयुक्त उद्यम हैं जिनमें लगभग 77.6 करोड़ डॉलर का निवेश है। भारतीय कंपनियां ओमान में प्रमुख निवेशकों के रूप में उभरी हैं, खासकर सोहार और सलालाह मुक्त क्षेत्र में। अप्रैल, 2000 से मार्च, 2025 के बीच ओमान से भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इक्विटी निवेश 60.55 करोड़ डॉलर रहा था।