भारत कोई धर्मशाला नहीं : अमित शाह
नयी दिल्ली, 27 मार्च (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार की प्रवासन नीति को कठोरता और करुणा का मिश्रण करार देते हुए बृहस्पतिवार को लोकसभा में दो टूक कहा कि ‘भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी जब चाहे यहां आकर रह जाए’। उन्होंने सदन में ‘आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025’ पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत में व्यापार, शिक्षा और शोध के लिए आने वालों का स्वागत होगा, लेकिन गलत उद्देश्य से और अशांति फैलाने के मंसूबे के साथ भारत में दाखिल होने वालों से कठोरता से निपटा जाएगा। शाह के जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सांसदों के संशोधनों को खारिज करते हुए इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए हमें यह जानने का अधिकार है।’
गृह मंत्री ने कहा कि कई बार लोग सवाल उठाते हैं कि शरणार्थी संबंधी अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए कि पांच हजार साल से प्रवासियों के बारे में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग रहा है और किसी शरणार्थी नीति की हमें जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘भारत भू सांस्कृतिक देश है, भू राजनीतिक देश नहीं है...भारत का शरणार्थियों के प्रति एक इतिहास रहा है। पारसी भारत में आए। इस्राइल से यहूदी भागे तो भारत में आ रहे हैं।’
शाह ने कहा, ‘घुसपैठ करने वालों को रोकेंगे, नागरिकता उन्हें ही मिलेगी जिन्होंने पड़ोसी देशों में विभाजन की विभीषीका झेली है।’ गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यदि बांग्लादेशी और रोहिंग्या अशांति फैलाने के लिए आते हैं तो फिर कठोरता से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रवासन नीति कठोरता और करुणा दोनों के भाव से बनाई गई है।
शाह ने कहा, ‘मोदी सरकार दो संकल्प के साथ काम कर रही है। पहला संकल्प 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना और दूसरा 2047 तक विकसित देश बनना है।’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों की कुछ आपत्तियों को खारिज किया और कहा कि विधेयक का सिर्फ राजनीतिक कारणों से विरोध नहीं करना चाहिए।
प. बंगाल दिखा रहा घुसपैठियों के प्रति दया
शाह ने कहा कि बांग्लादेश से सटी हुई सीमा 2,216 किलोमीटर लंबी है और इसमें से 450 किलोमीटर में बाड़ इसलिए नहीं लग सकी क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार से भूमि नहीं मिली। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के प्रति पश्चिम बंगाल सरकार की दया की नीति के कारण 450 किलोमीटर सीमा पर बाड़ नहीं लग सकी। शाह ने कहा,’जितने भी बांग्लादेशी पकड़े गए उनका आधार कार्ड 24 परगना जिले का है। पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव हैं, वहां कमल खिलेगा और यह सब बंद हो जाएगा।’