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भारत रूस से तेल खरीद में पूरी तरह से कर रहा है कटौती, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा

ट्रंप ने कहा कि वह उनके साथ रूसी तेल खरीद पर कर सकते हैं चर्चा 
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करने जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत रूसी तेल खरीद में ‘‘पूरी तरह से'' कटौती कर रहा है, जबकि चीन ‘‘काफी हद तक'' कटौती करेगा।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात के दौरान रूसी तेल का मुद्दा उठाने के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, ट्रंप ने कहा कि वह उनके साथ रूसी तेल खरीद पर चर्चा कर सकते हैं। मैं इस पर चर्चा कर सकता हूं। चीन रूसी तेल खरीद में काफी हद तक कटौती कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति और उनका प्रशासन पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहे हैं कि भारत ने आश्वासन दिया है कि वह रूस से अपने तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाएगा। हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीति उसके अपने राष्ट्रीय हितों, खासकर अपने उपभोक्ताओं के लिए किफायती और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने से प्रेरित है।

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अमेरिका का दावा है कि भारत, मॉस्को से कच्चा तेल खरीदकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन युद्ध के वित्तपोषण में मदद कर रहा है। ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क (टैरिफ) को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देने के बाद, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है, नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत ने अमेरिका के इस कदम को ‘‘अनुचित और अविवेकपूर्ण'' बताया है।

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को सुलझाने का दावा किया है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष सहित अन्य युद्धों को सुलझाना मुश्किल होगा तथा रूस और यूक्रेन युद्ध को सुलझाना आसान होगा, लेकिन वह गलत थे। 10 मई को, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण और तत्काल'' संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने दर्जनों बार अपने इस दावे को दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के ‘‘समाधान'' में मदद की है।

भारत ने लगातार यह कहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया था।

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