प्रतिकूल परिस्थितियाें से िनपटने के लिए भारत ने अभी नहीं खोले पत्ते
वाशिंगटन/नयी दिल्ली, 3 अप्रैल (एजेंसी)
अमेरिका को माल निर्यात करने वाले सभी देशों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वभौमिक शुल्क लगा दिया है। भारत पर 27 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। हालांकि, इसमें फार्मास्युटिकल्स, सेमीकंडक्टर, ऊर्जा और कुछ खनिज पदार्थ शामिल नहीं हैं। भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने से अमेरिका को झींगा, कालीन, चिकित्सा उपकरण और सोने के आभूषण जैसे उत्पादों का निर्यात प्रभावित होगा। भारत सरकार ने कहा कि वह उत्पन्न स्िथति का अध्ययन करेगी। ट्रंप ने सभी व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त मूल्यानुसार शुल्क लगाने की घोषणा की। भारत पर 10 प्रतिशत का आधारभूत शुल्क पांच अप्रैल से और अतिरिक्त 27 प्रतिशत शुल्क नौ अप्रैल से प्रभावी होगा। ट्रंप के इस कदम की दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। चीन जवाबी कदम की तैयारी में है। इटली, ब्राजील ने निंदा की। मामला डब्ल्यूटीओ में उठाया जा सकता है।
भारतीय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र पर शुल्क से नौकरियां जाने और मार्जिन घटने का जोखिम बढ़ जाएगा। कपड़ा क्षेत्र में भारत को बढ़त मिल सकती है। विश्लेषकों ने कहा कि मुद्रास्फीति बढ़ेगी। उधर, दुनियाभर के शेयर बाजारों में उथल-पुथल मच गई। भारत में भी सेंसेक्स 322 अंक टूटा।
क्या करेगी सरकार : राहुल
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह शुल्क हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि वह क्या करने जा रही है।
किस सेक्टर पर क्या असर
n इंजीनियरिंग सामान और विशेष रसायन सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
n भारतीय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र पर शुल्क से प्रतिकूल प्रभाव होगा। जिससे नौकरियां जाने और मार्जिन घटने का जोखिम बढ़ जाएगा।
n कपड़ा क्षेत्र में भारत को बढ़त मिल सकती है।
n प्रमुख फार्मा निर्यात को अभी छूट दी गई है। वाहन और कलपुर्जों पर पहले ही 25 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।
n सॉफ्टवेयर निर्यात पर भी कोई शुल्क प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कब-कितना टैक्स लगेगा
यदि उत्पाद ‘ए’ पर वर्तमान में अमेरिका में पांच प्रतिशत शुल्क लगता है, तो पांच अप्रैल को यह 15 प्रतिशत और नौ अप्रैल से 32 प्रतिशत हो जाएगा।