पटरी पर लौट रहे हैं भारत-चीन संबंध : गोयल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सीमा मुद्दे सुलझते जाएंगे, तनाव कम होता जाएगा।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक में भारत-चीन सीमा मुद्दे के समाधान की दिशा में काम करने पर सहमति बनी है। गोयल से पत्रकारों ने पूछा कि अगर भारत और चीन अपने संबंधों को फिर से स्थापित कर रहे हैं, तो क्या पीएन3 में ढील की गुंजाइश है। इस पर उन्होंने कहा, ‘यह एससीओ शिखर सम्मेलन था, जिसमें सभी एससीओ सदस्यों ने भाग लिया। गलवान में हमारे सामने एक समस्या थी, जिसके कारण हमारे संबंधों में थोड़ी तल्खी आई थी।’
चीन से भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए सभी क्षेत्रों में वर्तमान में सरकारी अनुमोदन लेना अनिवार्य है। यह नीति अप्रैल, 2020 में प्रेस नोट 3 (पीएन3) के रूप में जारी की गई थी। घरेलू उद्योग प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों को आसान बनाने का आग्रह कर रहा है।
व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ बातचीत जारी : पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत, अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘अभी बहुत कुछ हुआ है, बहुत कुछ होना बाकी है... हम अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं।’ गोयल ने कहा कि भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, ब्रिटेन और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है।
अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा- भारत के साथ सुलझा लेंगे टैरिफ मुद्दा
न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन : अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा है कि अंततः ‘ये दो महान देश इस मुद्दे को सुलझा लेंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि रूस से तेल खरीदने और फिर उसे बेचने के मामले में भारतीयों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया, इससे यूक्रेन में रूस के युद्ध प्रयास को वित्तीय समर्थन मिला है।
मोदी, पुतिन और शी की घनिष्ठता को नवारो ने बताया ‘चिंताजनक’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच घनिष्ठता को ‘चिंताजनक’ बताया। उधर, अमेरिका के कई शहरों में लोगों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का सड़कों पर उतरकर विरोध किया।