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India-China : चीनी विदेश मंत्री से मिले अजीत डोभाल, सीमा मसले पर हुई बात

विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की वार्ता
बीजिंग में बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ। - प्रेट्र
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बीजिंग, 18 दिसंबर (एजेंसी)

India-China : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने तथा पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार वर्ष से अधिक समय से तल्ख रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को यहां मुलाकात की।

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डोभाल पांच साल के अंतराल के बाद हो रही विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की वार्ता में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। पिछली बैठक 2019 में दिल्ली में हुई थी। वार्ता चीन के समयानुसार सुबह 10 बजे प्रारंभ हुई। इस दौरान पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर दोनों देशों के बीच 21 अक्तूबर को हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

चीन ने कहा- मतभेद सुलझाने के लिए तैयार

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी अहम आम सहमति को साकार करने, वार्ता और संचार के माध्यम से आपसी विश्वास एवं भरोसा बढ़ाने, अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ एवं सतत तरीके से आगे बढ़ाने के मकसद से भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। गौर हो कि पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कुछ समय पूर्व एक बैठक से इतर मिले थे। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष ने ब्राजील में मुलाकात की थी। इसके बाद ‘चीन-भारत सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र’ (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक हुई।

कुछ वर्षों में हुई 22 बैठकें

3488 किलोमीटर लंबी सीमा से जुड़े विवाद को निपटाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के इस तंत्र ने पिछले कुछ वर्षों में 22 बार बैठक की हैं। इस तंत्र का गठन 2003 में किया गया था। हालांकि, इससे सीमा विवाद को सुलझाने में सफलता नहीं मिली, लेकिन दोनों पक्षों के अधिकारी इसे दोनों देशों के बीच बार-बार होने वाले तनाव को दूर करने के लिहाज से एक बहुत ही आशाजनक, उपयोगी और सहज साधन मानते हैं।

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