नयी दिल्ली, 20 मई (ट्रिन्यू)वैश्विक स्तर पर ऊर्जा उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के साथ स्मार्ट ग्रिड, प्रीपेड मीटरिंग और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर सहित विस्तारित ट्रांमिशन नेटवर्क में निवेश को बढ़ाना होगा। यह सुझाव भारत के ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने ब्राजील के ब्रासीलिया में आयोजित ब्रिक्स देशों की ऊर्जा मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिया। बैठक में मनोहर लाल ने 2026 में भारत की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली ब्रिक्स देशों की वैश्विक ऊर्जा भूमिका और प्राथमिकताओं को भी साझा किया।ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए मनोहर लाल ने पीएम मोदी के विकसित भारत-2047 का रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में भारत विश्व में तीसरी बड़ी शक्ति बन गया है। अब भारत का फोकस परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना है। भारत ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है। पिछले दशक में विद्युत क्षमता में 90 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। ऊर्जा उत्पादन को 2025 तक 475 गीगावाट तक पहुंचाना है और 2032 तक 900 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।मनोहर लाल ने कहा कि हरित हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करना, जिसमें 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु क्षमता का लक्ष्य शामिल है और घरेलू कार्बन क्रेडिट बाजार का शुभारम्भ, वैश्विक सहयोग को आमंत्रित करना है।मजबूत साझेदारी का आह्वानमनोहर लाल ने जैव ईंधन क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की भूमिका पर जोर दिया और ऊर्जा संरक्षण सतत भवन संहिता, छत सौर पहल और कुशल उपकरण मानकों जैसे अभिनव कार्यक्रमों के जरिए ऊर्जा दक्षता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। ऊर्जा मंत्री ने ब्रिक्स देशों को मजबूत साझेदारी का आह्वान किया, खुले, निष्पक्ष और बिना भेदभाव के अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों का समर्थन किया तथा ऊर्जा व्यापार में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को प्रोत्साहित किया।