आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लडेंगे भारत-कनाडा
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को कहा कि भारत और कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर सहमत हुए हैं। इसमें आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए मिलकर काम करना शामिल है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और उनकी कनाडाई समकक्ष नथाली ड्रोइन ने पिछले दिनों नयी दिल्ली में व्यापक मुद्दों पर वार्ता की जिसका मुख्य उद्देश्य 2023 में एक सिख अलगाववादी की हत्या को लेकर हुए राजनयिक विवाद के बाद गंभीर तनाव से गुजर रहे द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना था। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को वार्ता के व्यापक परिणामों की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून में कनाडा के कनैनिस्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के साथ बातचीत की थी। विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए ‘रचनात्मक’ कदम उठाने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय ने डोभाल-ड्रोइन वार्ता पर कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष कार्नी के बीच हुई चर्चाओं को आगे बढ़ाने का भी एक अवसर था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर ‘लाभकारी’ चर्चा की, जिसमें आतंकवाद निरोध, अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्र शामिल थे।
ट्रूडो के आरोपों के बाद चरमराए थे रिश्ते
भारत-कनाडा के संबंध तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उन आरोपों के बाद चरमरा गए थे जिनमें वर्ष 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े मामले से भारत का संबंध होने की संभावना जताई गई थी। पिछले साल अक्तूबर में भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को तब वापस बुला लिया था, जब ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने की कोशिश की थी। भारत ने कनाडा के भी इतने ही राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।