India Adventures Place : भीमकुंड के 3 बूंद पानी से ही बुझ जाती है प्यास, रहस्यों से भरे कुंड की गहराई से आज भी वैज्ञानिक अंजान
चंडीगढ़, 4 फरवरी (ट्रिन्यू)
India Adventures Place : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित प्राकृतिक जलकुंड भीमकुंड में कई अनसुलझे रहस्य हैं। भीमकुंड का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि इसमें उपचार गुण हैं। इस स्थान का नाम पांडव राजकुमार भीम के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी गदा से जमीन पर प्रहार करके कुंड का निर्माण किया था।
भीमकुंड के पीछे की किंवदंती
लोककथाओं के अनुसार, पांडवों के वनवास दौरान द्रौपदी प्यास से व्याकुल हो गई थी। तब भीम ने गदा से जमीन पर प्रहार करके धरती में कुछ परतें बना दी थी। इसके बाद अर्जुन ने अपने धनुष से प्रहार करके अंदर जाने का रास्ता बनाया। इसके बाद दौपद्री ने कुंड का जल पीकर प्यास बुझाई। चूंकि इस कुंड का निर्माण भीम की गदा से हुआ था इसलिए इसे गदा और भीमकुंड के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस कुंड की तीन बूंद पानी से प्यास बुझ जाती है। वहीं, इस कुंड के पानी को औषधीय माना जाता हैं।
भीमकुंड के बारे में रोचक कहानियां
अन्य किंवदंती के अनुसार, एक ऋषि इस क्षेत्र में तपस्या कर रहे थे, तभी शिकारियों के एक समूह ने उन्हें परेशान करना शुरु कर दिया। तब ऋषि ने शिकारियों को श्राप दिया, जिससे वो पत्थर में बदल गए। शिकारियों ने माफी मांगी तो ऋषि ने फिर उस स्थान को आशीर्वाद दिया और वहां पानी का कुंड प्रकट हुआ। इस स्थान पर शिकारी पत्थर में बदल गए, वह भीमकुंड के पास माना जाता है।
नीले पानी का रहस्य
माना जाता है कि दिव्य ऋषि नारद ने भीमकुंड में भगवान विष्णु की स्तुति में दिव्य गीत, गंधर्व गानम गाया था। उनकी भक्ति के परिणामस्वरूप, भगवान विष्णु कुंड से प्रकट हुए और उनके रंग के कारण पानी नीला हो गया।
इसलिए कहते हैं शांत ज्वालामुखी
भीमकुंड में पानी की गहराई वैज्ञानिकों के लिए भी अभी तक रहस्य बनी हुई है। भू-वैज्ञानिकों ने गोताखोरों द्वारा इसकी गहराई पता लगाने की कोशिश की गई, लेकिन इसका तल नहीं मिल सका। इसे शांत ज्वालामुखी माना जाता है क्योंकि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसकी गहराई में प्रवाहमान तेज जलधाराएं समुद्र से आ रही हैं।
देता है आपदा का संकेत
यह चमत्कारी कुंड किसी भी देश में आने वाली आपदा का संकेत देता है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी देश में जब कोई बड़ा संकट आने वाला होता है तो कुंड में पानी का स्तर खुद-ब-खुद बढ़ जाता है, जो चेतावनी का संकेत है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।