स्वतंत्रता दिवस Google ने भारत की पारंपरिक टाइल को दर्शाते हुए Doodle बनाया
Google Doodle: गूगल ने शुक्रवार को भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के विभिन्न पारंपरिक टाइल डिजाइन से प्रेरित आकर्षक ‘डूडल' बनाया जिसमें जयपुर के मिट्टी के नीले बर्तनों से लेकर पश्चिम बंगाल के टेराकोटा तक विभिन्न परंपरागत डिजाइन को दर्शाया गया है। इस डिजिटल कलाकृति में अंतरिक्ष, क्रिकेट, शतरंज और सिनेमा में भारत की उपलब्धियों पर जोर देने वाले विषयों को बड़ी कुशलता से समाहित किया गया है।
इस डूडल में ‘गूगल' के अंग्रेजी अक्षर (जी ओ ओ जी ई एल) भारत के विभिन्न क्षेत्रों की छह विशिष्ट रूप से डिजाइन की गई टाइल से बने हैं, जिनमें से प्रत्येक टाइल प्रतीकात्मक रूप से किसी एक शैली का प्रतिनिधित्व करती है। पहली टाइल जयपुर के मिट्टी के नीले बर्तनों की विषय वस्तु से प्रेरित है और उस पर पारंपरिक अंदाज में ‘जी' अक्षर अंकित है तथा उसके चारों ओर पुष्प कलाकृतियां हैं। दूसरी टाइल पर ‘ओ' अक्षर बनाते हुए फूलों का डिजाइन और एक अंतरिक्ष यान की छवि है।
तीसरी टाइल पर भी ‘ओ' अक्षर बनाते हुए एक और पारंपरिक डिजाइन है। इसके बीच में एक क्रिकेट बॉल और दो क्रिकेट बल्लों की छवि है। चौथी टाइल में एक और आकर्षक डिजाइन तथा पारंपरिक टाइल के प्रतीक से ‘जी' अक्षर दर्शाया गया है। पांचवीं टाइल के बीच में शतरंज के मोहरे की छवि से ‘एल' अक्षर और आखिरी टाइल पर ‘ई' अक्षर बनाते हुए एक सिनेमा रील का चिह्न है।
गूगल डूडल वेबपेज पर एक संदेश में इस डूडल के पीछे की कहानी के बारे में बताया गया है। इस संदेश में कहा गया है कि बूमरैंग स्टूडियो के कलाकारों मकरंद नारकर और सोनल वासवे द्वारा चित्रित इस डूडल कलाकृति में भारत की एक स्थायी कलात्मक अभिव्यक्ति - पारंपरिक टाइल दिखाई गई है। इसमें कहा गया है, ‘‘ये टाइल भारत के विभिन्न क्षेत्रों की विविध शैलियों और बनावटों से बनी हैं, जिनमें जयपुर के मिट्टी के नीले बर्तनों (राजस्थान) से लेकर ‘टेराकोटा रिलीफ' (पश्चिम बंगाल) को शामिल किया गया है। प्रत्येक टाइल एक अलग शैली और एक अलग राष्ट्रीय उपलब्धि को दर्शाती है, जिसमें अंतरिक्ष मिशन और शतरंज में विश्व खिताब से लेकर क्रिकेट के क्षेत्र में प्रसिद्धि और फिल्म क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान को शामिल किया गया है।''
यह डूडल भारत के स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाता है। भारत को लगभग दो शताब्दियों के ब्रिटिश शासन के बाद 1947 में इसी दिन आजादी मिली थी। संदेश में कहा गया है, ‘‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व सविनय अवज्ञा और अहिंसक तरीके से विरोधों का समर्थन करने वाली प्रमुख हस्तियों ने किया। उनके प्रयासों की परिणति दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के जन्म के रूप में हुई।''
इसमें कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस पर देश के नागरिक विभिन्न समारोहों, सांस्कृतिक प्रदर्शनों और देशभक्ति की व्यक्तिगत अभिव्यक्तियों के साथ अपनी आजादी और गौरव का जश्न मनाते हैं तथा देश भर में ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए जाते हैं। इसमें कहा गया है कि परिवार और आस-पड़ोस के लोग देशभक्ति के गीत, नाटक और नृत्य प्रस्तुत करने के लिए एकत्रित होते हैं। घरों और गलियों को राष्ट्रीय ध्वज से सजाया जाता है। इस दिन लोग पतंग उड़ाते हैं। इसमें कहा गया है कि व्यापक पैमाने पर मनाया जाने वाला यह उत्सव राष्ट्र के अतीत का सम्मान करता है और उसके भविष्य का जश्न मनाता है।