नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (एजेंसी)
देश में बीते 10 साल में असुरक्षित यौन संबंध के कारण 17 लाख से अधिक लोग एचआईवी से संक्रमित हुए हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में उपलब्ध कराई है। हालांकि ‘ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस’ (एचआईवी) से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पिछले 10 साल में काफी कम हुई है। 2011-12 में असुरक्षित यौन संबंध के कारण एचआईवी से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 2.4 लाख थी जबकि 2020-21 में यह घटकर 85,268 रह गई। मध्य प्रदेश के निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के आवेदन के जवाब में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) ने बताया कि 2011-2021 के बीच भारत में असुरक्षित यौन संबंध के कारण 17,08,777 लोग एचआईवी से संक्रमित हुए।
आंध्र में सबसे ज्यादा मामले
आंध्र प्रदेश में एचआईवी संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए जहां 3,18,814 लोग इस विषाणु की चपेट में आए। इसके बाद महाराष्ट्र में 2,84,577, कर्नाटक में 2,12,982, तमिलनाडु में 1,16,536, उत्तर प्रदेश में 1,10,911 और गुजरात में 87,400 मामले दर्ज किए गए। जांच संबंधी आंकड़ों के मुताबिक, 2011-12 से 2020-21 के बीच रक्त और रक्त उत्पाद के जरिए 15,782 लोग एचआईवी से पीड़ित हुए जबकि मांओं के जरिए 4,423 बच्चों को यह बीमारी फैली। आंकड़ों के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एचआईवी संक्रमण के मामलों में कमी देखी गई है। देश में 2020 तक 81,430 बच्चों सहित एचआईवी पीड़ित लोगों की संख्या 23,18,737 थी। जवाब के मुताबिक, जांच के दौरान संक्रमित व्यक्तियों ने परामर्शदाताओं को बताया कि वे किस वजह से एचआईवी से संक्रमित हुए हैं और इसी पर यह सूचना आधारित है। एचआईवी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। अगर एचआईवी का इलाज नहीं कराया जाए तो यह एड्स (एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) बन जाता है।