नयी दिल्ली (एजेंसी) :
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच राज्यों को प्रभावी कदम उठाने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र और केरल में बढ़ते मामले गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने आगाह किया कि ऐसा ही ‘ट्रेंड’ दूसरी लहर की शुरुआत में इस साल जनवरी और फरवरी के महीने में देखा गया था। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना पर संवाद के बाद अपने संबोधन में कहा कि स्थितियां न सुधरीं तो ‘मुश्किल’ हो सकती है। बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा, ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले हफ्ते नये मामले जिन राज्यों में आए हैं उनमें से 80 प्रतिशत के करीब मामले इन्हीं 6 राज्यों से हैं और 84 प्रतिशत दुखद मौतें भी इन्हीं राज्यों में हुई हैं। देश आज ऐसे मुहाने पर खड़ा है जहां तीसरी लहर की आशंका लगातार जताई जा रही हैं। विशेषज्ञों का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, ‘लंबे समय तक लगातार मामले बढ़ने से कोरोना के वायरस में ‘म्यूटेशन’ की आशंका बढ़ जाती है और उसके स्वरूप बदलने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, तीसरी लहर को रोकने के लिए कोरोना के खिलाफ प्रभावी कदम उठाया जाना नितांत आवश्यक है।…टीकों के प्रभावी इस्तेमाल से कोरोना की वजह से उत्पन्न परेशानियों को कम किया जा सकता है।’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया भी इस बैठक में उपस्थित थे।
देश में 38,949 नये केस, 542 की मौत
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 38,949 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,10,26,829 हो गई। वहीं, 542 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,12,531 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 4,30,422 रह गई है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 1,619 कमी आई है। मंत्रालय के अनुसार देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 39.53 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों के पास तथा निजी अस्पतालों में 2.51 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध हैं।
टीकाकरण के बावजूद संक्रमण में ‘डेल्टा’ जिम्मेदार
कोविड-19 रोधी टीकाकरण करवाने के बावजूद संक्रमण की चपेट में आने वाले अधिकांश मामलों में संक्रमण की वजह कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप है। हालांकि ऐसे मामलों में से महज 9.8 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी तथा मृत्यु दर भी 0.4 फीसदी रही। जो विश्लेषण हुआ है उसके मुताबिक ऐसे मामलों में चूंकि व्यक्ति का टीकाकरण हो चुका होता है इसलिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत कम पड़ रही है और संक्रमण से मौत के मामले भी कम आ रहे हैं। ‘कोविड-19 की और भयावह लहरों को आने से रोकने के लिए टीकाकरण अभियान को बढ़ाना और लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण करना सबसे महत्वपूर्ण रणनीति होगी।’ अध्ययन के लिए नमूने महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक, मणिपुर, असम, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, पुडुचेरी, नयी दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड से लिए गए। इसमें बताया गया कि भारत के ज्यादातर हिस्सों में ऐसे मामलों की वजह डेल्टा स्वरूप है लेकिन उत्तरी क्षेत्र में कोरोना वायरस का अल्फा स्वरूप हावी है।