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विश्वास है जस्टिस गवई शीर्ष अदालत के मूल्यों को कायम रखेंगे

अंतिम कार्यदिवस पर मिले भरपूर सम्मान से अभिभूत सीजेआई बोले
**EDS: THIRD PARTY IMAGE** In this screenshot via Supreme Court Bar Association Youtube, outgoing Chief Justice of India (CJI) Sanjiv Khanna with CJI-designate Justice Bhushan Ramkrishna Gavai during a farewell function organised in his honour by Supreme Court Bar Association (SCBA), in New Delhi, Tuesday, May 13, 2025. (PTI Photo)(PTI05_13_2025_000256B)
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नयी दिल्ली, 13 मई (एजेंसी)सुप्रीम कोर्ट में अपने अंतिम कार्यदिवस पर मिले भरपूर सम्मान से अभिभूत भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके उत्तराधिकारी जस्टिस बीआर गवई शीर्ष अदालत के मूल्यों, मौलिक अधिकारों और बुनियादी संवैधानिक सिद्धांतों को कायम रखेंगे। विदाई से जुड़ी इस रस्मी पीठ में निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश, जस्टिस गवई और जस्टिस संजय कुमार शामिल थे। इस अवसर पर जस्टिस खन्ना को न केवल उनके योगदान के लिए, बल्कि उनके चाचा और शीर्ष अदालत के पूर्व जज जस्टिस एचआर खन्ना की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भी सराहा गया। जस्टिस एचआर खन्ना ने आपातकाल के दौरान संवैधानिक अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी। निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश ने 14 मई को प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार संभालने जा रहे जस्टिस गवई को अपना ‘सबसे बड़ा सहयोगी' कहा और उनके नेतृत्व और संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर विश्वास व्यक्त किया।

सहयोग को सराहा

जस्टिस खन्ना ने विभिन्न क्षेत्रों और पृष्ठभूमियों से आए न्यायाधीशों के बीच सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की विविधता से समृद्ध विचार-विमर्श और अच्छे निर्णय संभव हो पाते हैं। उन्होंने कहा, ‘इस न्यायालय में एक और बात सबसे बड़ी है। हमारे पास देश के विभिन्न हिस्सों से आए न्यायाधीश हैं, और उनकी अलग-अलग विचार प्रक्रियाएं, अलग-अलग पृष्ठभूमि है। जब हम चर्चा करते हैं, तो कई समाधान खोजने में सक्षम होते हैं।' उन्होंने इसे विदाई नहीं बल्कि एक परिवर्तन की संज्ञा दी।

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उनकी याददाश्त तेज है

जस्टथ्स संजय कुमार ने इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश के बारे में कहा, ‘वह नोट्स नहीं बनाते। सब कुछ: पृष्ठ संख्या, पैराग्राफ संख्या, हर सामग्री उनकी स्मृति में होती है।' वकीलों के साथ निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश के शांत और धैर्यपूर्ण व्यवहार पर प्रकाश डालते हुए, जस्टिस कुमार ने कहा, ‘यहां तक ​​कि जब अधिवक्ता बिना तैयारी के आते थे, तब भी वे कभी अपना आपा नहीं खोते थे। इसके बजाय, वे विनम्रता से उन्हें अगली बार तैयार होकर आने के लिए कहते थे।' अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी प्रधान न्यायाधीश खन्ना की सराहना की।

'सेवानिवृत्ति के बाद कोई आधिकारिक पद नहीं लूंगा'

सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि यद्यपि वह सेवानिवृत्ति के उपरांत कोई आधिकारिक पद नहीं लेंगे, लेकिन कानून के क्षेत्र में अपनी पारी जारी रखेंगे। अठारह जनवरी, 2019 को शीर्ष अदालत में पदोन्नत हुए जस्टिस खन्ना को 11 नवंबर, 2024 को सीजेआई नियुक्त किया गया था। शीर्ष अदालत के कई पूर्व न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने के बाद मध्यस्थता के क्षेत्र में अपनी पारी शुरू करते हैं। सीजेआई ने कहा, ‘मैं तीसरी पारी खेलूंगा और कानून से संबंधित कुछ करूंगा।' अगले सीजेआई के तौर पर मनोनीत जस्टिस बीआर गवई ने भी सेवानिवृत्ति के बाद किसी पद को अस्वीकार करने के संकेत दिये हैं।

 

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