श्रीनगर/नयी दिल्ली, 2 जनवरी (एजेंसी)
अलगाववादी संगठनों के समूह, हुर्रियत काॅन्फ्रेंस के कुछ नेताओं ने पाकिस्तान में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में सीटें दिलाने के नाम पर छात्रों को लुभाने के लिए कथित रूप से कश्मीर स्थित ‘कंसल्टेंसी’ कंपनी का इस्तेमाल किया और एक फर्जी ‘नेशनल टैलेंट सर्च’ परीक्षा आयोजित की गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र से यह जानकारी दी गयी है। राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा दायर आरोपपत्र में ऐसे कई मामलों को उजागर किया गया है, जहां वैध यात्रा दस्तावेजों का उपयोग कर अभिभावकों को सीमा पार ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्हें अपने बच्चों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए अतिरिक्त पैसे देने के लिए मजबूर किया गया। आरोपपत्र में कहा गया है, ‘जांच के दौरान यह भी पता चला कि छात्रों, अभिभावकों के साथ अभियुक्तों ने धोखाधड़ी की। ऐसी परिस्थितियां पैदा की गईं, जिसने अभिभावक/छात्रों को पूरी तरह से निराशा की स्थिति में डाल दिया, ताकि अतिरिक्त पैसे की मांग की जा सके।’ अधिकारियों ने कहा कि जम्मू- कश्मीर पुलिस की नयी इकाई एसआईए द्वारा दायर यह पहला आरोपपत्र है, जिसमें 9 लोगों पर कश्मीरी छात्रों को पाकिस्तान में एमबीबीएस सीटें बेचने और केंद्र शासित प्रदेश में अशांति फैलाने के इरादे से पैसे का इस्तेमाल करने का आरोप है।
उन्होंने बताया, ‘अपने बच्चों को पाकिस्तान में एमबीबीएस में प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावकों को पाकिस्तान स्थित हुर्रियत नेताओं या कश्मीरी मूल के आतंकवादियों (जो हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान चले गए थे) के इस तरह के फरमान का पालन करना पड़ता था।’ एसआईए ने दावा किया है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत जमा हुआ यह पैसा कुछ हुर्रियत नेताओं और उनके सहयोगियों के माध्यम से सक्रिय आतंकवादियों, मारे गए आतंकवादियों के परिवारों और पथराव करने वालों के हाथों में जाना था।
एसआईए ने हुर्रियत काॅन्फ्रेंस से जुड़े मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर भट समेत 9 के खिलाफ बृहस्पतिवार को यहां एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था।