अमरावती, 26 सितंबर (एजेंसी)
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के रहने वाले दो मछुआरों की रविवार शाम को बंगाल की खाड़ी में उठे ‘गुलाब’ तूफान की चपेट में आने से मौत हो गई जबकि एक अब भी लापता है। वहीं, तीन अन्य मछुआरे सुरक्षित तट पर आने में सफल रहे और उन्होंने अक्कुपल्ली गांव से राज्य के मत्स्यपालन मंत्री एस अप्पाला राजू को फोन कर स्वयं के सुरक्षित होने की जानकारी दी। इस बीच, भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया कि तूफान ने तट पर दस्तक देना शुरू कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक पलासा के छह मछुआरे ओडिशा से दो दिन पहले नयी नाव खरीद कर अपने पैतृक गांव लौट रहे थे कि तभी वे तूफान से घिर गए। नाव में सवार छह मछुआरों में से एक ने गांव में फोन कर बताया कि नाव संतुलन खो चुकी है और पांच लोग समुद्र में लापता हो गए हैं। बाद में उसका फोन भी बंद आने लगा जिससे आशंका पैदा हुई कि वह भी लापता हो गया है। हालांकि, तीन मछुआरे तैरकर सुरक्षित तट पर आ गए जबकि दो मछुआरों की मौत हो गई। गांव में फोन कर सूचित करने वाला मछुआरा अब भी लापता है और उसके साथियों को आशंका है कि वह नाव में फंस गया होगा।
राज्य के मत्स्यपालन मंत्री एस अप्पाला राजू के संज्ञान में जब मामला आया तो उन्होंने तत्काल नौसेना के अधिकरियों को मछुआरों की तलाश और बचाव कार्य में मदद करने को कहा।
मोदी ने दिया मदद का भरोसा
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से बात की और चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ से उत्पन्न होने वाली किसी स्थिति से निपटने में केंद्र की ओर से मदद का भरोसा दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘ओडिशा में तूफान की स्थिति पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जी से चर्चा की। केंद्र आने वाली मुश्किल में पूरी मदद करने का भरोसा देता है।’
उम्मीदवार अपनायें सुरक्षा उपाय
ओडिशा में पुरी जिले के पिपली विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी ने 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में उतरे सभी प्रत्याशियों को चक्रवात ‘गुलाब’ के मद्देनजर अपने प्रचार के दौरान उपयुक्त एहतियात बरतने का सुझाव दिया है। उपचुनाव में खड़े सभी 10 प्रत्याशियों को भेजे पत्र में पुरी के अतिरिक्त जिलाधिकारी सह निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आपसे यह भी अनुरोध है कि (पक्के भवन नहीं होने पर) बहुत जरूरी होने पर सभा/बैठक के लिए ऐसे तंबू लगवायें, जो हवा की रफ्तार को झेल सकें।’