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हिमाचल विधानसभा काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भारी हंगामा

धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र में बृहस्पतिवार को काम रोको प्रस्ताव पर चल रही चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुई तीखी नोक-झोंक के बाद भारी हंगामा हुआ। इसके चलते सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे...

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धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र में बृहस्पतिवार को काम रोको प्रस्ताव पर चल रही चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुई तीखी नोक-झोंक के बाद भारी हंगामा हुआ। इसके चलते सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में हंगामा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के भाषण के दौरान हुआ। जगत सिंह नेगी ने काम रोको प्रस्ताव पर चल रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि अगर पूर्व भाजपा सरकार ने कर्ज लेकर घी नहीं पिया होता तो आज प्रदेश की आर्थिक हालत खराब नहीं होती। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मिशन रिपीट के लिए बड़े-बड़े तंबू लगाए और इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए। नेगी ने पूछा कि सरकार ने कब पंचायत चुनाव करवाने से मना किया है। उन्होंने दावा कि सरकार की ओर से ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में डिजास्टर एक्ट लागू है और उसके हटने के बाद राज्य में पंचायत चुनाव होंगे।

राजस्व मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष हिमाचल का हितैषी नहीं है। यदि भाजपा ने सरकार का साथ दिया होता तो हिमाचल को केंद्र से आपदा में आर्थिक सहायता मिल रही होती और हिमाचल राष्ट्रीय आपदा राज्य घोषित होता। जगत सिंह नेगी द्वारा नेता प्रतिपक्ष को लेकर की गई टिप्पणियों पर विपक्ष ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि राजस्व मंत्री झूठे आंकड़े दे रहे हैं। राजस्व मंत्री के भाषण के बीच ही विपक्षी विधायक अपनी-अपनी सीटों पर खड़े हो गये और नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष का कहना था कि जगत सिंह नेगी निराधार आरोप लगा रहे हैं। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई और इसके बाद पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच पहुंच गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने माहौल को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन विपक्ष के जवाब में सत्तापक्ष के विधायक भी बहस में शामिल हो गये जिससे सदन का माहौल और गरमा गया।

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