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Holi 2025 : केमिकल वाली नहीं, इस बार इको-फ्रेंडली होली का सेलिब्रेशन, खुशियां हो जाएंगी दोगुनी

Holi 2025 : केमिकल वाली नहीं, इस बार इको-फ्रेंडली होली का सेलिब्रेशन, खुशियां हो जाएंगी दोगुनी
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चंडीगढ़, 6 मार्च (ट्रिन्यू)

Holi 2025 : होली भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जो रंगों, खुशियों और उल्लास से भरपूर होता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में होली के दौरान पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव बढ़ा है। रासायनिक रंगों का उपयोग, जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण, और पानी की बर्बादी जैसी समस्याएं होली के पारंपरिक रूप में आई हैं लेकिन, हम इको-फ्रेंडली होली सेलिब्रेट कर सकते हैं, जिससे न केवल त्योहार का आनंद बढ़े बल्कि पर्यावरण को भी बचाया जा सके।

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प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें

इको-फ्रेंडली होली का पहला कदम है रंगों का चयन। बाजार में बिकने वाले सिंथेटिक या रासायनिक रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं, जो न केवल त्वचा और आंखों के लिए हानिकारक होते हैं बल्कि जल और मिट्टी को भी प्रदूषित करते हैं। इसकी बजाए आप प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे फूलों से बने रंग, हल्दी, मेहंदी, चुकंदर का रस, पालक का रस और अन्य प्राकृतिक चीजों से तैयार रंग। ये त्वचा के साथ-ासथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

पानी की बचत करें

होली के दौरान पानी की अत्यधिक बर्बादी होती है, जो एक बड़ी चिंता का विषय है। इको-फ्रेंडली होली मनाने के लिए आपको पानी का अधिक से अधिक संरक्षण करना चाहिए। रंग खेलने के लिए बाल्टी में पानी भरें और उस पानी को प्रयोग करें। आप चाहे तो बिना पानी के भी होली खेल सकते हैं, सिर्फ रंगों से।

प्लास्टिक से बचें

होली में प्लास्टिक के कप, थाली, गुब्बारे और अन्य सामान का उपयोग अधिक होता है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। प्लास्टिक जानवरों और जल जीवन के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है। ऐसे में इसके बजाए आप पुन: प्रयोग होने वाली चीजें यूज कर सकते हैं। गुब्बारे की जगह कपड़े या पेपर से बने चीजों का इस्तेमाल करें।

संगीत और शोर को कंट्रोल करें

होली के दौरान बहुत ज्यादा शोर और तेज संगीत पर्यावरण के लिए हानिकारक है। वहीं, अत्यधिक शोर से पशु-पक्षी और बीमार आदमी को भी परेशानी हो सकते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि आप होली के दौरान अधिक शोर ना करें।

पेड़-पौधों की देखभाल

होली का पर्व प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है इसलिए इस दिन पेड़-पौधों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। आप होली के दिन नए पौधे लगा सकते हैं या अपने बगीचे की देखभाल कर सकते हैं।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें

रासायनिक रंगों और पानी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए इको-फ्रेंडली होली खेलें, जो न सिर्फ पर्यावरण बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर हो। होली खेलने से पहले अपना चेहरा और शरीर अच्छे से ढक लें, ताकि रंगों से त्वचा की सुरक्षा हो सके।

इको-फ्रेंडली होली से आप न सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं बल्कि यह एक अच्छे नागरिक की जिम्मेदारी भी बनती है। ऐसे में इस बार होली पर आप भी अपने कर्तव्य का पालन करें।

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