Himachal Winter Session: हिमाचल प्रदेश के 1.24 लाख अवैध कब्जाधारियों की लड़ाई लड़ेगी सुक्खू सरकार
Himachal Winter Session: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार 124870 अवैध कब्जाधारी परिवारों की सुप्रीमकोर्ट में लड़ाई लड़ेगी, ताकि इन परिवारों को बेघर होने से बचाया जा सके। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को विधानसभा में...
Himachal Winter Session: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार 124870 अवैध कब्जाधारी परिवारों की सुप्रीमकोर्ट में लड़ाई लड़ेगी, ताकि इन परिवारों को बेघर होने से बचाया जा सके। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक जीत राम कटवाल द्वारा पूछे गए सवाल के उत्तर में दखल के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में नामी वकीलों की खड़ा करेगी ताकि इन कब्जाधारी परिवारों के खिलाफ प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले में इन्हें राहत दिलाई जा सके।
इससे पहले, मूल प्रश्न के उत्तर में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 2002-03 में एक ऐसी नीति लाई, जिसमें अवैध कब्जाधारियों के कब्जे नियमित करने की बात कही गई। इस नीति के तहत प्रदेश में 1.60 लाख से अधिक लोगों ने रातोंरात आवेदन कर दिया और ये तमाम अवैध कब्जे सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में तमाम गैर राजस्व जमीन वन भूमि है और जब तक केंद्र सरकार एफसीए में संशोधन नहीं कर देती, तब तक सरकार एक बिस्वा जमीन भी किसी को आवंटित नहीं कर सकती।
राजस्व मंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार इस मामले में सोई रही और इसी कारण आज एक लाख से अधिक लोगों के बेघर होने की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा बनाए गए कानून 163 ए को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इसलिए इस समस्या के लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार है।
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एक प्रतिपूरक सवाल में कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा इस नीति को लाने का मकसद दशकों से सरकारी जमीन पर घर बना कर रह रहे लोगों को उनकी जमीन का कब्जा दिलाना था। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने इस मामले को सही ढंग से इस मामले को अदालत के समक्ष नहीं रखा, जिस कारण 1.24 लाख से अधिक परिवारों के बेघर होने की नौबत आ गई है। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार इन गरीब लोगों के घर बचाने के लिए प्रयास करेगी।
पटवारियों के 645 पद भरने को कैबिनेट की मंजूरी
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधायक इंद्रदत्त लखनपाल के एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल ने 645 पटवारियों की भर्ती को मंजूरी दे दी है और इन पदों को भरने के लिए राज्य चयन आयोग को सिफारिश कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में पटवारियों की भारी कमी है और इसे दूर करने के लिए सरकार सेवानिवृत्त हो चुके पटवारियों की सेवा ले रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्व कार्यों के लिए सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए समय सीमा तय कर दी है। ऐसे में समय पर काम नहीं करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने पटवारियों की भर्ती नहीं की, जिस कारण आज इनकी भारी कमी हो गई है।
ठियोग में धारा 118 के तहत 16 लोगों ने खऱीदी जमीनें
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधायक कुलदीप सिंह राठौर के सवाल के जवाब में कहा कि ठियोग विधानसभा क्षेत्र में भू-अधिनियम की धारा 118 के तहत छूट लेकर 16 लोगों ने जमीनें खरीदी हैं। उन्होंने कहा कि एक हजार वर्गमीटर से अधिक बिल्टअप एरिया में निर्माण पर टीसीपी एक्ट लागू होता है, जबकि इससे कम क्षेत्र में पंचायतीराज अधिनियम लागू होता है। राजस्व मंत्री ने कहा कि विधायक ने स्थानीय लोगों के अधिकारों को लेकर जो चिंता जताई है, उसमें ग्रामीण इलाकों में होटल निर्माण पर शर्तें लगाई जाएंगी।
एफआरए के तहत 800 मामले स्वीकृत
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधायक जीत राम कटवाल के सवाल के जवाब में कहा कि एफआरए के तहत जनजातीय और गैर जनजातीय क्षेत्रों में 800 व्यक्तिगत मामले और 250 सामुदायिक मामलों को अभी तक मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि एफआरए बहुत ही सरल कानून है और इसके तहत पात्र लोगों को जमीन का पट्टा हासिल करने के लिए कोई पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार लगातार कार्यशालाओं को आयोजन कर रही है।

