Himachal Winter Session: सदन में कामकाज के मुद्दे पर भिड़ा सत्तापक्ष और विपक्ष
Himachal Winter Session: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में काम रोको प्रस्ताव यानी नियम 67 के तहत अब सिर्फ एक ही दिन चर्चा होगी। यह व्यवस्था वीरवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष द्वारा सदन के कामकाज को लेकर हुई तीखी बहस के बाद दी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भविष्य में सदन में काम रोको प्रस्ताव अब केवल प्रश्नकाल के बाद ही आएगा। उन्होंने यह व्यवस्था भी दी कि मौजूदा काम रोको प्रस्ताव के दौरान सदन के अन्य कार्यों को विधानसभा के पटल पर रखा समझा जाए।
इससे पहले, सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सदन के आज के लिए तय कामकाज को लेकर तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान सत्तापक्ष जहां आज के लिए तय कामकाज को सदन पटल पर रखे जाने की मांग की, वहीं विपक्ष ने कामरोको प्रस्ताव पर चल रही चर्चा से पहले प्रश्नकाल करवाए जाने की मांग की।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सदन का कार्यवाही आरंभ होते ही प्रस्ताव पेश किया कि प्रश्नकाल को स्थगित कर सीधे कामरोको प्रस्ताव पर चर्चा की जाए और आज प्रश्नकाल न हो।
सत्तापक्ष की ओर से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने काम रोको प्रस्ताव पर यह कहते हुए तुरंत चर्चा शुरू करने की मांग की कि विपक्ष ने बीते रोज काम रोको प्रस्ताव पर जोर देते हुए सारे कामकाज रोक दिए थे। इसलिए आज भी बीते रोज की तरह ही सदन के अन्य कामकाज को सदन पटल पर रखा जाए और काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते रोज विपक्ष ने अपने काम रोको प्रस्ताव के चलते प्रश्नकाल का विरोध किया। ऐसे में आज भी प्रश्नकाल नहीं होना चाहिए और सीधे काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष अपने ही काम रोको प्रस्ताव को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने चुनौती दी कि यदि विपक्ष प्रश्नकाल ही करवाना चाहता है तो अपने काम रोको प्रस्ताव को वापस ले। फिर सरकार प्रश्नकाल के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा से भागने का आरोप भी लगाया।
इससे पूर्व, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कहा कि सरकार का एजेंडा सुविधा का है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास वास्तव में विपक्ष के सवालों के जवाब नहीं है, इसलिए वह प्रश्नकाल से भाग रही है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने आज के लिए प्रश्नकाल करवाने की व्यवस्था दी है, इसलिए प्रश्नकाल हो और इसके बाद काम रोको प्रस्ताव पर आगे चर्चा की जाए।
जयराम ठाकुर ने सत्तापक्ष द्वारा विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाने का आरोप लगाया और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री की सुविधा के हिसाब से नहीं चलेगा, बल्कि नियमों के अनुसार चलेगा, इसलिए मुख्यमंत्री विपक्ष को नसीहत न दें।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कामरोको प्रस्ताव पर चर्चा के लिए गंभीर है, लेकिन सरकार को प्रश्न पूछे जाने से परेशानी है। उधर, भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने पूछा कि सरकार आखिर प्रश्नकाल से डर क्यों रही है। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष द्वारा आसन को दिए जा रहे निर्देश दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई व्यवस्था के बाद सदन में माहौल शांत हुआ और नियम 67 के तहत कामरोको प्रस्ताव पर फिर से चर्चा आरंभ हो गई।
भाजपा नेता दिल्ली जाकर जितना पैसा रुकवा लें, हम चुनौतियों का सामना करेंगे: सुक्खू
वहीं, केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल को फंड दिए जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने विपक्षी दल को जवाब दिया। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश को मिलने की बात कहने वाले भाजपा विधायक बलवीर वर्मा जी दस्तावेज भी प्रस्तुत करें। कहा कि जहां से 5000 करोड़ आने की सूचना मिली, वहां से दस्तावेज भी ले लेते। मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायक दिन में सपने देखना छोड़ दें, अभी सरकार का कार्यकाल दो वर्ष शेष हैं। भाजपा नेता दिल्ली जाकर जितना मर्जी हिमाचल प्रदेश का पैसा रुकवा लें, हम चुनौतियों का सामना करेंगे और उबरेंगे। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ का पैसा हर वर्ष राज्य सरकार को आता है, आपदा आए या नहीं। पूर्व सरकारों में भी यह राशि आती रही है।
