Himachal Weather: कांगड़ा में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 70 से अधिक सड़क मार्ग अवरुद्ध
पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर हो रही मध्यम से भारी बारिश ने कांगड़ा जिले में जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है, जिससे बुधवार सुबह तक प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के साथ-साथ कई संपर्क मार्गों सहित कम से कम 70 सड़कें अवरुद्ध हो गईं।
जिला मुख्यालय से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार सुबह मुख्यतः भूस्खलन के कारण 70 सड़कें अवरुद्ध पाई गईं। इनमें से 40 से ज्यादा सड़कों से मलबा हटाकर यातायात के लिए खोल दिया गया है।
सुरानी होकर ज्वालाजी-खुंडियां मार्ग पर एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे वाहनों की आवाजाही रुक गई। गुम्मर-कोटा-बग्गी जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया है, जिससे क्षेत्र में आवागमन बाधित हो गया है।
शाहपुर क्षेत्र में कम से कम 11 सड़कें यातायात के लिए अनुपयुक्त हो गई हैं। इनमें भनाला-द्रिनी मार्ग, द्रिनी-बोह मार्ग, बोह-लाम मार्ग, रिडकमार-कुथारना मार्ग, भिटलू-कुट मार्ग, चढी-घेरा मार्ग, घेरा-करेरी मार्ग, करेरी-कुथारना मार्ग, रिडकमार-घटारदा मार्ग (बह गया), रैत-नेरती मार्ग और शाहपुर-चकबन-लापियाना मार्ग शामिल हैं।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि अधिकांश मुख्य राजमार्ग अब यातायात के लिए खोल दिए गए हैं। हालांकि, उन्होंने यात्रियों से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से गुजरते समय अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया है, क्योंकि जिले के कई हिस्सों में बारिश जारी है।
इस बीच, लगभग 50 स्थानों पर पेयजल आपूर्ति बाधित हुई है। बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है, जिले भर में 45 स्थानों पर ट्रांसफार्मर और आपूर्ति लाइनों को नुकसान पहुँचा है।
जिला प्रशासन के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि अधिकारी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने और अवरुद्ध सड़कों को साफ करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, क्योंकि बारिश जारी रहने की संभावना है।
बोह घाटी का सुप्रसिद्ध द्रोणेश्वर महादेव के कनिकोट जोत धार में बिजली गिरने से 120 से अधिक भेड़-बकरियों की मौत
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बोह घाटी में भारी बारिश के दौरान दो दिन पहले देर रात आकाशीय बिजली गिरने से 120 से अधिक भेड़-बकरियों की मौत हो गई। यह घटना द्रोणेश्वर महादेव शिव मंदिर के पास हुई, जहां तीन भेड़ पालकों की 120 से अधिक भेड़- बकरियों की मौत हो गई।
प्रभावित भेड़ पालकों में ग्राम पंचायत हार बोह के उत्तम चंद पुत्र गोदा राम गांव सपेरा, बुद्धि सिंह पुत्र चतरो राम गांव सपेडा जिला कांगड़ा, और नाथूराम पुत्र रोमी राम गांव भियोरा जिला चम्बा शामिल हैं।
नाथूराम ने बताया कि आकाशीय बिजली रात के समय गिरी थी और उन्होंने सुबह होते ही इसकी सूचना साथ लगते दूसरे डेरे में जाकर अपने साथी को गांव में फोन कर सूचना दी।
वूल फेडरेशन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष मनोज कुमार ठाकुर ने इस घटना को बहुत दुखदाई बताया है और कहा है कि प्रशासन की तरफ से हर संभव प्रयास किया जाएगा कि भेड़ पालकों को राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा, भेड़ पालकों की पीड़ा को मैं समझ सकता हूं। उनकी आजीविका पशुपालन से ही चलती है और अगर इस तरह की घटना हो जाए तो आजीविका चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है। हम प्रशासन की तरफ से पूरा प्रयास करेंगे कि उन्हें मदद मिल सके।
प्रशासन की तरफ से वेटरनरी फार्मासिस्ट हरबंस सिंह और सुरेंद्र कुमार, एनिमल हसबेंडरी अटेंडेंट केवल राम और करण सिंह की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और मृत भेड़-बकरियों की संख्या गिनकर रिपोर्ट बनाई। स्थानीय युवाओं में अवदेश कौशल, रिहारू राम, पंकज कुमार, राजू राम, विकास कुमार, राजकुमार, जीत कुमार, और गोदा राम ने भी इस घटना में मदद की और प्रशासन की टीम के साथ मिलकर काम किया।
भेड़ पालकों ने बताया कि उनकी आजीविका का साधन भेड़ पालन से ही चलता है और इस तरह की घटना से उनकी आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने शासन प्रशासन से राहत प्रदान करने की मांग की है। इस घटना से भेड़ पालकों को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन उनकी मदद करेगा और उन्हें राहत प्रदान करेगा। (रिपोर्ट व सभी फोटोः रविन्द्र वासन)